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प्रणब दा से मिली बख्शीश तो गदगद हो गए राजभवन के कर्मचारी

संजय देशमुख, नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रशिक्षण वर्ग समापन समारोह में संघ को राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति का पाठ पढ़ाने वाले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी की सादगी को नागपुर के राजभवन ने अनुभव किया। 83 वर्षीय प्रणब दा ने 6 से 8 जून तक करीब 45 घंटे उपराजधानी में बिताए। इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति की विनम्रता और सद्भाव भरे आचरण के सभी कायल हुए। प्रणब दा ने न केवल राजभवन के कर्मचारियों को बुलाकर उनके साथ फोटो खिचवायी बल्कि उन्हें पांच हजार रुपए भी बख्शीश के तौर पर दिए।
मोहन भागवत से की ढाई घंटे तक मंत्रणा
पचास दशक तक सक्रिय राजनीति में रहे तथा विभिन्न पदों को सुशोभित करने वाले प्रणब दा तीन दिन की यात्रा में किसी संगठन अथवा राजनेता से नहीं मिले। अपवाद के तौर पर संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत रहे। पहले दिन 6 जून को डॉ. भागवत ने पूर्व राष्ट्रपति से मुलाकात की। रात 8.30 बजे भोजन पर मिले दोनों मान्यवरों के बीच ढाई घंटे तक देश के विभिन्न मुद्दों पर मंत्रणा हुई। प्रणब दा से मिलने के लिए अनेक संगठनों ने राजभवन में आवेदन किए थे। इनमें बंगाली समाज के ही दस-बारह संगठन शामिल थे लेकिन उन्होंने किसी संगठन अथवा व्यक्ति विशेष से मिलने से इनकार कर दिया।
प्राकृतिक सुंदरता देख मोहित हुए
इन तीन दिनों में प्रणब दा ने राजभवन की प्राकृतिक सुंदरता का भरपूर आनंद उठाया। राजभवन के पारिवारिक प्रबंधक रमेश येवले इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति की पुणे और मुंबई में करीब आठ बार आगवानी कर चुके हैं। इसलिए उन्हें प्रणब दा की पसंद और नाापसंद का पता है। नागपुर के राजभवन में प्रणब दा के ठहरने का यह दूसरा मौका था। राजभवन की हरियाली और विभिन्न प्रजाति के पेड़-पौघों को देखकर उनका मन भारी प्रसन्न हुआ। येवले ने उन्हें इसके रखरखाव की जानकारी दी।
सादा भोजन, उच्च विचार
प्रणब दा सादा भोजन करते हैं। धार्मिक प्रवृत्ति के है, इसलिए उनकी पूजा भी लंबी चलती है। राजभवन में भी यह क्रम जारी रहा। अंतिम दिन शुक्रवार को प्रणब दा ने अपने निजी सचिव से संदेश भिजवाया कि जिसे भी फोटो निकालनी हो, वे आ सकते हैं। सुरक्षा में तैनात पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारियों तक सबने उनके साथ तस्वीर निकाली। लेकिन खास रहे राजभवन के कर्मचारी। उन्होंने खास तौर पर कर्मचारी आस्था से पूछताछ की और उन्हें फोटो खिंचवाने के लिए आमंत्रित भी किया। राजभवन में 18 कर्मचारी काम करते हैं। सभी को बैठक हाल में बुलाया और फिर सबके साथ बारी-बारी फोटो निकाली गई। राजभवन से विदा होते हुए कर्मचारियों के हाथ में पांच हजार रुपए दिए और उन्हें यह छोटी सी भेंट स्वीकारने का अनुरोध किया। देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद को सुशोभित करने वाले प्रणब दा के इस स्नेह और प्यार को देख राजभवन के कर्मचारी गदगद हुए।
Created On :   10 Jun 2018 1:35 PM IST