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कोर्ट के आदेश पर "राजमहल' ढहाना जारी, कार्रवाई नहीं रुकेगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने कुख्यात आरोपी रंजीत सफेलकर और उसके साथियों के खिलाफ कोई भी नरमी दिखाने से इनकार किया है। नागपुर मेट्रो रीजन डेवलपमेट अथॉरिटी (एनएमआरडीए) ने 28 अप्रैल को सफेलकर के कामठी स्थित निर्माणकार्य गिराने की कार्रवाई शुरू की थी। सफेलकर की संपत्ति में पार्टनर सुनील अग्रवाल और रामलाल अग्रवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर यह कार्रवाई रोकने की विनती की थी। गुरुवार को दिए फैसले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को कोई भी राहत देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में दावा किया था कि, एनएमआरडीए ने उनकी कामठी मौजा खैरी खसरा क्र.-17 स्थित इस निर्माणकार्य को गिराने की कार्रवाई शुरू की है। इसके लिए कोई नोटिस या पूर्व सूचना नहीं दी गई।
रंजीत हिस्सेदार होने का तथ्य छिपाया
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने इस तथ्य को छिपाया कि इस संपत्ति में कुख्यात रंजीत सफलेकर हिस्सेदार है। उसके खिलाफ कई गंभीर अपराध दायर होने और धोखे से संपत्ति हड़पने के आरोप के कारण यह कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, याचिकाकर्ता ने इस पर सफाई दी कि, निर्माणकार्य गिराने वाली टीम मौके पर उपस्थित होने के कारण समय का अभाव था, इसी वजह से कोर्ट में विस्तृत जानकारी न देते हुए सिर्फ निर्माणकार्य गिराने की कार्रवाई को चुनौती दी गई, लेकिन हाईकोर्ट ने इस दलील को सिरे से खारिज कर दिया।
निर्माणकार्य अवैध होने की पुष्टि
इसके अलावा उक्त निर्माणकार्य के अवैध होने की पुष्टि भी हाईकोर्ट में हो गई। ऐसे में हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। मामले में एनएमआरडीए की ओर से एड. गिरीश कुंटे ने पक्ष रखा।
Created On :   30 April 2021 1:32 PM IST