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नर्मदा जलभराव : लोग पैकेज पर मान गए तो ठीक, वरना जबर्दस्ती हटाएंगे

डिजिटल डेस्क, भोपाल। धार एवं बड़वानी जिलों के 71 ग्रामों के 7010 परिवार यानी कुल 35 हजार व्यक्तियों को डूब क्षेत्र से हटाना है। इसके लिये सरकार कोई जोर-जबर्दस्ती नहीं कर रही है तथा अच्छा पैकेज देकर उन्हें हटने के लिये कह रही है। रजनीश ने बताया कि 2 अगस्त से राज्य सरकार 900 करोड़ रुपयों के विशेष पैकेज के भुगतान का काम करना प्रारंभ कर रही है। लेकिन जब नर्मदा के जलभराव से विस्थापित किये जाने वाले लोग डूब में आ जायेंगे और उनकी जान पर बन आयेगी तो सरकार उन्हें बलपूर्वक हटाएगी।
उक्त बातें नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं अपर मुख्य सचिव रजनीश वैश्य ने पत्रकार-वार्ता कर इस बारे में विस्तृत जानकारी देते कही। इससे पहले मंगलवार सुबह केबिनेट की प्रेस ब्रीफिंग में पहले नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य ने धार-बड़वानी के सरदार सरोवर योजना के विस्थापितों के बारे में सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।
रजनीश ने बताया कि नर्मदा बचाओ आंदोलन के लोग वहां भ्रम फैला रहे हैं। आंदोलन में जो लोग दिख रहे हैं उनमें कई बाहरी लोग भी हैं। रजनीश ने कहा कि 15 अक्टूबर तक सरादर सरोवर बांध की ऊंचाई 138 मीटर से ज्यादा होगी और तभी मप्र में प्रभावित क्षेत्रों में गांव डूब में आएंगे। उन्होंने कहा कि बांध में अक्टूबर को उच्चतम स्तर पर जलभराव होने के बावजूद वह सिंचाई आदि के लिये खाली भी होगा और इससे मप्र की डूब में आने वाली बहुत सी भूमि खाली हो जाएगी और मुआवजा लेने वाले किसान इस खाली हुई भूमि पर पुन: खेती कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि डूब से मप्र की खेती वाली भूमि सिर्फ चार माह ही डूब में रहेगी तथा शेष आठ माह में किसान दो फसलें ले सकेंगे।

Created On :   1 Aug 2017 8:15 PM IST