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तेजी से बढ़ रहा कोरोना, श्रमण अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने से 4 मरीजों की मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसके चलते अब अस्पतालों में भी बेड की कमी हो गई है। शहर के कई अस्पतालों में बेड की सुविधा नहीं है। इस बारे में कमाल चौक स्थित श्रमण अस्पताल की एक घटना सामने आई है। इस अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने के कारण मरीजों को रेफर किया गया, जिनमें से करीब 4 लोगों की मौत हो गई। आॅक्सीजन खत्म होने की घटना दो दिन पहले भी हो चुकी है। इस बारे में अस्पताल प्रशासन को बताया गया था।
सभी 27 बेड पर थे कोविड मरीज
श्रमण अस्पताल में कोविड के कुल 27 बेड हें। सभी बेड पर बुधवार और शुक्रवार की दरमियानी रात तक कोविड मरीज भर्ती थे। रात करीब 2 बजे अस्पताल के सभी ऑक्सीजन सिलेंडर खाली हो गए। स्थिति खराब होते ही अस्पताल प्रशासन ने गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पताल में रेफर करना शुरू कर दिया। सूत्रों के अनुसार जिनमें से 4 लोगों की मौत हाे गई। इनमें दो मरीजों की मौत अस्पताल में ही हुई।
जाकिया बानु ने बताया कि, उनके पति सैय्यद इकबाल हुसैन जाफरी को सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके दो दिन पहले ऑक्सीजन खत्म हाे गई थी। पति की हालत खराब हो गई थी। बड़ी मुश्किल से वहां भर्ती मरीजों के परिजनों ने मिलकर कर 10 ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाए। शुक्रवार को सुबह फिर ऑक्सीजन खत्म हो गई, तो अस्पताल ने होप अस्पताल में रेफर कर दिया। होप में लेकर गए, तो वहां कहा गया कि, यहां लाने के लिए किसने कहा। यहां बेड नहीं है। फिर मरीज को श्रमण अस्पताल ले गए और फिर हमने खुद ही 2 सिलेंडर की व्यवस्था की है।
पॉजिटिव वार्ड में निगेटिव महिला
अस्पताल मंे एक महिला मरीज राशिदा खान (43) की रिपोर्ट निगेटिव आई। बावजूद उसे कोविड मरीजों के साथ रखा गया। इस बारे में जब परिजनों ने डॉक्टर से शिकायत की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। नाम न बताने की शर्त पर स्टाफ ने बताया कि, हमने मरीज निगेटिव होने की जानकारी हमारे कंसल्टेंट को दी थी। मरीज को कहां शिफ्ट करना है, यह निर्देश वे ही देते हैं। उन्होंने कोई निर्देश नहीं दिया इसलिए मरीज को वहीं रखा है
बिना पीपीई किट ले जा रहे शव
अस्पताल में पूरी तरह कोविड मरीज भर्ती किए गए हैं, लेकिन कोई सुरक्षा नहीं है। मृतक को अस्पताल का स्टाफ बिना पीपीई किट पहनकर लाना-ले जाना कर रहे हैं। दरअसल, यहां भर्ती शेवंता बाई की ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण मौत हुई थी। उनका शव निकाला जा रहा था। अस्पताल में कोविड बॉडी को बाहर लाने और मरीजों के परिजनों का अंदर जाने का मार्ग एक ही है। बावजूद न कोई सैनिटाइजेशन हो रहा है। न ही मरीज के जाने के बाद बेड काे सैनिटाइज किया जाता है।
बताया आंखों देखा हाल
समाजसेवी मो. आतिफ ने बताया कि, मेरी मां भी अस्पताल में भर्ती हैं। यहां किसी तरह की कोई सुविधा नहीं है। दो बार ऑक्सीजन खत्म हो चुकी है। बावजूद अस्पताल में कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ऑक्सीजन से जिन लोगों की मौत हुई उनमें शुक्रवार को सुबह सैफी नगर निवासी सैय्यद रफीक अली की ऑक्सीजन खत्म होने के कारण मौत हुई है। इसी तरह शेवंताबाई की भी मौत हुई। दो दिन पहले मंगलवार को ऑक्सीजन खत्म होने से शांति नगर निवासी 32 वर्षीय शाजिया परवीन की मौत हुई थी
ऑक्सीजन खत्म हुई थी लेकिन हमने व्यवस्था की
यह बात सही है, हमारे यहां ऑक्सीजन खत्म हुई थी। लेकिन उससे पहले ही हमने पास के तिरपुड़े अस्पताल, होप और प्रेस्टिज अस्पताल में बात कर वहां मरीजों को रखने प्रयास किया। ऑक्सीजन वाल एंबुलेंस भी बुलाई और मरीजों को उसमें रखा, ताकि उन्हें उसमें ऑक्सीजन मिल पाए। जिन मरीजों की मौत हुई उनकी स्थिति काफी गंभीर थी। हमारे पास ऑक्सीजन के दो सप्लायर हैं। एक के प्लांट में गड़बड़ी हो गई थी और दूसरे के पास शॉर्टेज चल रहा था। दो दिन पहले खाली सिलेंडर वहां से भरवा कर लाए थे। परिजनों ने भी 10 सिलेंडरों की व्यवस्था की थी। इस तरह 20 सिलेंडर हो गए थे। ऑक्सीजन की शॉर्टेज लगातार चल रही है। -डॉ. श्रेयस धवले, कंसल्टेंट, श्रमण अस्पताल
Created On :   27 March 2021 4:54 PM IST