मछलीघर की शिफ्टिंग के दौरान मारी गई दुर्लभ प्रजाति की मछलियां

Rare species of fish killed during shifting of aquarium
मछलीघर की शिफ्टिंग के दौरान मारी गई दुर्लभ प्रजाति की मछलियां
मछलीघर की शिफ्टिंग के दौरान मारी गई दुर्लभ प्रजाति की मछलियां

डिजिटल डेस्क,भोपाल। प्रदेश में मछलियों के सरंक्षण का दावा करने वाले विभाग की उदासीनता के कारण आज विलुप्त प्रजाति की मछलियां मरती जा रही हैं। 40 सालों से विलुप्त प्रजाति की मछलियों को सहेजने वाले मछली घर की शिफ्टिंग के दौरान कई मछलियों ने दम तोड़ दिया। जो जिंदा बची है उनके भविष्य का भी कोई ठिकाना नहीं है।

दरअसल जून 1967 में पुरानी विधानसभा के पास मत्स्योद्योग विभाग ने मछली घर बनाया था। मध्यभारत में सबसे ख्यात और सुंदर आकृति में बने अत्याधुनिक मछली घर में दुर्लभ प्रजाति की मछलियां रखी गई थीं। इसमें 45 जार में रंगीन मछलियां (ट्रॉपिकल ऑर्नामेंट) और अन्य में नदी, तालाब की मछलियों के साथ 6 विलुप्त प्रजाति की मछलियां भी थीं। 31 मार्च 2015 को ईको-टूरिज्म बोर्ड ने मछली घर के परिसर को अधिग्रहीत किया। तब इनमें से कुछ मछलियों को रायसेन के दाहोत डेम और नर्सरी में भेजा गया तो बाकी को भदभदा रोड स्थित मछली विभाग के परिसर में रखा गया, हालांकि अधिकांश मछलियों ने शिफ्टिंग के दौरान सुरक्षित उपाय और पानी का सही इंतजाम नहीं होने के कारण दम तोड़ दिया। फिलहाल जो जीवित बची हैं वो भी नए मछलीघर बनने और सुरक्षित आशियाने के इंतजार में तड़पकर मरती जा रहीं हैं।

आय का स्त्रोत भी बंद
बताया जा रहा है कि इस मछली घर से विभाग को 6 से 8 लाख रुपए तक की सालाना आय होती थी। प्रतिवर्ष लगभग 2 लाख लोग इस मछली घर में पहुंचते थे। नई-नई प्रजाति की मछलियों को देखने की ललक, मछली उद्योग को बढ़ावा देने के प्रयास सब इस मछली घर के साथ ही दम तोड़ चुके हैं।

अनोखी प्रजाति की मछलियां
इस मछली घर में ओबीपेरस (अंडे देने वाली) और वीवीपेरस (बच्चे देने वाली) प्रजाति की दुर्लभ मछलियां मिस्र की नील नदी से माइग्रेट कर भारत लाई गई थीं। इसमें मॉली, गप्पी, गप्पूशिया बगैरह थीं। इसके अलावा गोल्ड फिश, एंजिल, सकर केट, टाइगर शार्क, ब्लैग टाइगर, शॉर्टिल, टेंजिन, रेक्टेल शार्क की भी प्रजातियां थीं।

वहीं मत्स्य विभाग के प्रमुख सचिव विनोद कुमार का कहना है कि मछली घर की सभी प्रजाति की मछलियां सुरक्षित हैं। उन्हे भदभदा रोड स्थित संचालक कार्यालय के परिसर में बने मछली घर में रखा गया है। जल्द ही इसी परिसर में एक अत्याधुनिक मछली घर बनेगा जहां नए सिरे से मछलियों से सहेजा जाएगा।

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Created On :   12 Aug 2017 9:45 AM IST

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