अमरावती में दिखाई दिए दुर्लभ प्रजाति के "पेल लेग लीफ वॅरब्लर' पक्षी

Rare species of Pale Leg Leaf Warbler bird seen in Amravati
अमरावती में दिखाई दिए दुर्लभ प्रजाति के "पेल लेग लीफ वॅरब्लर' पक्षी
पहली बार दर्ज हुआ पक्षी अमरावती में दिखाई दिए दुर्लभ प्रजाति के "पेल लेग लीफ वॅरब्लर' पक्षी

डिजिटल डेस्क, अमरावती।  गर्मियों में स्थलांतर करने वाले पक्षियों का निरीक्षण व छायाचित्रण करते दौरान अप्रैल माह में अमरावती के पक्षी मित्रों को दुर्लभ प्रजाति का पक्षी दिखाई दिया। पेल लेग लिफ वॅरब्लर नामक पक्षी की तस्वीर को अपने कैमरे में अमरावती के मनोज बिंड, वैभव दलाल, अभिमन्यू आराध्य व प्रशांत निकम पाटील ने कैद किया। इस दुर्लभ पक्षी की तस्वीर को पूरे देश में सफलतापूर्वक दर्ज करने में सफलता मिली है। अंडमान निकोबार द्वीप पर उक्त पक्षी की जानकारी दर्ज हुई थी। भारत की मुख्य भूमि पर इस पक्षी की जानकारी पहली बार दर्ज होने की जानकारी है।

फिलोस्कोपस टेनेलीपस यह शास्त्रीय नाम रहने वाले इस पक्षी की पहचान के लिए विश्वविख्यात पुस्तक बर्डस ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंटल" के लेखक टीम इन्स्कीप, मुंबई के पक्षी अभ्यासक आशीष बाबरे आैर पक्षी जानकारों के फेसबुक ग्रुप की महत्वपूर्ण सहायता मिली है। 10 से 11 सेंटीमीटर लंबे इस नन्हे पक्षी के पैर हल्के गुलाबी रंग के और चोंच के नीचे हल्का गुलाबी रंग उसकी विशेषता है। पत्तों के पीछे छिपे कीटक, कृमि इसका खाद्य होता है। यह पक्षी प्रमुखता से जापान, वियतनाम, थाईलैंड, म्यानमार इन देशों में पाया जाता है। ई-बर्ड वेबसाइट पर भी इस पक्षी की देश में एक भी तस्वीर अब तक उपलब्ध नहीं है। इस पक्षी का स्थलांतरण सितंबर माह से शुरू होता है और मई-जून माह तक उनके मूल स्थान पर लौटने का सफर शुरू होता है। इस मार्ग में अमरावती और विदर्भ का प्रदेश भौगोलिक दृष्टि से एक मध्यवर्ती स्थान होता है। पक्षी निरीक्षक, अभ्यासक और फोटोग्राफर ने उक्त पक्षी की तस्वीर दर्ज होने से हर्ष व्यक्त किया है।

सबसे अविस्मरणीय पल 
अमरावती परिसर मंे ली गई यह महत्वपूर्ण तस्वीर देश स्तर पर दर्ज होने से पिछले 10 वर्षों से पक्षी छायाचित्रण के सफर का सबसे अविस्मरणीय पल है। शहर व जिले के नाम को अब देशस्तर पर पहचाना जाएगा। जिले के मेलघाट जैसे समृद्ध वनपरिक्षेत्र में ऐसे अनेक असंभव लगने वाली जानकारी दर्ज होने की संभावना है। इसके लिए उत्साही, जिम्मेदार पक्षी निरीक्षक और फोटोग्राफर्स को समय-समय पर जंगल निरीक्षण के लिए सहुलियत देने पर कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकेगी। - मनोज बिंड, पक्षी निरीक्षक

Created On :   18 April 2022 2:51 PM IST

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