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माफियाओं के कारण बढ़ गए रेट, सरकारी तिजोरी पर लगी सेंध

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कहते हैं कि, किसी अच्छी चीज पर बुरा साया पड़ जाए, तो उसका विनाश होना शुरू हो जाता है। एेसा ही माफियाओं का बुरा साया पड़ा है नागपुर जिले की जीवनदायिनी कही जाने वाली कन्हान नदी पर। इस नदी के बल पर चलने वाले छोटे-बड़े उद्योग व दानेदार बारीक रेत की वजह से इस नदी की कुछ वर्ष पूर्व तक अपनी एक अलग पहचान थी। इस नदी की रेत की नवनिर्माणकार्यों में काफी मांग है।
घाटों पर रसूखदारों का कब्जा : कुछ वर्ष पूर्व तक स्थानीय लोगों द्वारा नदी से मनुष्यबल का उपयोग कर उत्खनन कर रेत बेची जाती थी। उस समय इस रेत की कीमत काफी कम थी। आज से 3 वर्ष पूर्व तक 500 फीट रेत (एक ट्रक) 6 हजार रुपए में और 100 फीट (एक ट्रैक्टर) रेत महज 1200 रुपए मे मिलती थी। सब कुछ ठीक चल रहा था। एेसे में रसूखदारों की इस नदी पर काली नजर पड़ी और उन्होंने सुनहरी रेत को सोने मे तब्दील करने का काम शुरू कर दिया। तहसील के सभी रेत घाटों की नीलामी प्रक्रिया में राजनीतिक हस्तक्षेप होने लगा। सभी घाट रसूखदारों के करीबी लोग हथियाने लगे और सभी रेत घाटों का मुख्य संचालक एक रसूखदार बन गया। रेत के दामों को कम ज्यादा करने का रिमोट भी उसके हाथों मे आ गया। वर्तमान में 500 फीट रेत (एक ट्रक) 12 हजार रुपए और 100 फीट (एक ट्रैक्टर) रेत 3000 रुपए मे मिल रही है। रेत के दर बढ़ा देने से रसूखदार व रेत माफिया चांदी काट रहे हैं।
प्रशासन की तिजोरी में करोड़ों की सेंध : सभी रेत घाटों का हिसाब निकाला जाए, तो रोजाना रेत का अवैध उत्खनन कर बेचा जा रहा है। प्रशासन की तिजोरी में हर माह करोड़ों रुपयों की संेध लगाई जा रही है। सभी को अपना-अपना हिस्सा मिल जाने से सभी ने मौन साधकर इस व्यवसाय को सहमति दे रखी है।
प्रतिदिन एक घाट से 16 लाख का उत्खनन : आम जनता को अब वही रेत करीब दोगुने दामों में खरीदनी पड़ रही है। वर्तमान में तहसील में 8 रेत घाटों से रेत का उत्खनन किया जा रहा है। एक जानकारी के अनुसार एक घाट से रोजाना 150 से 200 ट्रक रेत का उत्खनन कर बाहर बेची जा रही है। घाट संचालक एक ट्रक रेत के 8 हजार रुपए वाहन चालकों से वसूलते हैं। यानी एक घाट संचालक रोजाना 16 लाख रुपए की रेत का उत्खनन कर बेचते हैं।
Created On :   4 Sept 2021 4:24 PM IST