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खरबी में फंसे मध्यप्रदेश के मजदूरों तक पहुंचाया राशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश मे लॉकडाउन होकर 15 दिन से ज्यादा का समय हो गया है। लेकिन अभी तक किसी की भूख से मरने की खबर सामने नहीं आई है। जिसका मुख्य कारण सरकार की ओर से इन तक राशन पहुंचाने की हर संभव कोशिश कही जा सकती है। इसके अलावा जिन लोगों तक राशन नहीं पहुंच पा रहा है, ऐसे लोगों तक शहर के कुछ युवा जिम्मेदारी निभाते हुए भोजन पहुंचा रहे हैं। खरबी में मध्यप्रदेश के 25 से ज्यादा मजदूर फंसे हैं। इनके पास राशनकार्ड नहीं होने से खाने के लाले पड़ गये थे। ऐसे में शहर के कुछ युवाओं को सोशल मीडिया से जानकारी मिलते ही उन्होंने इनके घर 50 किलो चावल पहुंचाया। इसके अलावा आये दिन वह गरीबों तक खाना पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार वाठोडा के खरबी परिसर में 25 से ज्यादा मजदूर रहते हैं। जो यहां निर्माणकार्य इमारतों में काम करते हुए अपना पेट भरते थे। इमके साथ मासूम बच्चे भी रहते हैं। अचानक हुए लॉकडाउन के बाद इनका काम छूट गया। घर में जितना अनाज था, उतना अनाज खत्म होने के बाद अब उन पर भूखे रहने की नौबत आ गई । सोशल मीडिया के माध्यम से शहर के कुछ युवाओं को इसकी जानकारी मिली। मंगेश कामडी, सचिन पाठराबे, अजय धोपटे, रोहन मोटघरे ने संताजी ब्रिगेड तेली समाज संगठन के अध्यक्ष विजू हटवार से इस बारे में जानकारी देकर मदद मांगी। उन्होंने तुरंत इन युवाओं को 50 किलो चावल व अन्य सामग्री दी। जिसे उन्होंने इन मजदूरों के घरों तक पहुंचाया। मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं है।
ऐसे में इन तक सरकार का राशन भी नहीं पहुंच रहा है। इसी तरह हाल ही में प्रभाग क्रमांक 20 में रहनेवाले लोगों के भूखे रहने की जानकारी मिली थी। ऐसे में उन्होंने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर गरीबों के घर तक अनाज पहुंचाने का निर्णय लिया। एक बडेॉ थैली में अनाज को छोटी-छोटी थैलियों में बांटा गया। जिसमें चावल, गेहू और दाल थी। सभी ने मिलकर इसे पहले लेंडी तालाब परिसर में गरीबों के घर तक पहुंचाया। कई घरों में तो अनाज मिलने के बाद खाना बनाया गया। कई घरों में एक दो दिन से अनाज नहीं रहने के कारण चूल्हा ही नहीं जला था। इसके अलावा मस्कासाथ व इतवारी परिसर में भी जाकर उन्होंने लोगों तक भोजना पहुंचाया है।
Created On :   7 April 2020 4:47 PM IST