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आरसी बुक घोटाला : पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग, खुल रहे राज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरसी बुुक घोटाले की जांच कर रही पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उप-प्रादेशिक परिवहन कार्यालय ने केवल 7 आरसी बुक फर्जी होने की शिकायत दर्ज कराई है, जबकि हकीकत में सैकड़ों आरसी बुक फर्जी होने की आशंका है। इस फर्जीवाड़े के सूत्रधार तक पुलिस अब तक नहीं पहुंच पाई है, लेकिन जांच में पता चला है कि, अनेक वाहन धारकों को उनके वाहनों की फर्जी आरसी बुक थमाई गई है। इस मामले में दलालों के एक समूह व प्रादेशिक परिवहन कार्यालय के कुछ अधिकारियों में साठ-गांठ का पता चला है। हालांकि, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। कलमना पुलिस का एक दल गहन छानबीन में लगा हुआ है
फर्जी बुक में नाम भी फर्जी
जांच में यह भी पता चला है कि, जिन वाहनों की फर्जी आरसी बुक बनाई गई है उनमें कुछ वाहन धारकों के नाम भी फर्जी है। अर्थात वाहन पंजीकरण के दौरान ऐसे नामों व दस्तावेजों का प्रयोग किया गया है जिनका वाहन से लेना-देना ही नहीं है। फर्जी आरसी बुक में वाहनों के चेसिस नंबर भी फर्जी दर्ज हुए हैं।
जब्त किया जा सकता है वाहन
कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने वाहन खरीदने के लिए वित्तीय संस्थाओं से कर्ज प्राप्त किया था। उनके वाहनों की आरसी बुक फर्जी होने का पता चलने पर वाहन जब्त किया जा सकता है।
वाहन नष्ट किए जाने का भय
कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें वाहन की आरसी बुक फर्जी होने की न सिर्फ जानकारी है, अपितु वाहन कर के रूप में अदा की जाने वाली मोटी रकम बचाने के लिए जानबूझकर इन लोगों द्वारा फर्जी आरसी बुक तैयार करवाई गई है। पुलिसिया कार्रवाई से बचने के लिए ऐसे वाहन धारक अपने वाहनों को नष्ट भी कर सकते हैं।
कई आरसी फर्जी होने की आशंका
पुलिस विभाग इस मामले की गहन जांच कर रहा है। सैकड़ों वाहनों की आरसी बुक फर्जी होने की आशंका है। हम इस मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रहे हैं।
-अनिल इंगोले, पुलिस उप-निरीक्षक, कलमना
चेसिस नंबरों को खंगाला जा रहा है
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ वाहनों की नंबर प्लेट भी फर्जी होने का पता चला है। इस प्रकार के वाहनों के मूल मालिक को ढूंढ़ने के लिए चेसिस नंबरों को खंगाला जा रहा है।
टैक्स चुकाया, पर साठ-गांठ कर हड़प लिया
जांच में पता चला है कि, उप-प्रादेशिक परिवहन कार्यालय के नाम पर जारी फर्जी आरसी बुक में जिन लोगों को वाहन का मालिक बताया गया है, हकीकत में इनमें से अधिकांश लोगों का इस फर्जीवाड़े से कोई सरोकार नहीं है। दलालों की मदद लेने वाले वाहन धारकों ने वाहन कर की पूरी रकम चुकाई, लेकिन यह रकम आरटीओ में जमा ही नहीं हुई। इन वाहन धारकों को फर्जी आरसी बुक थमाकर दलालों, आरटीओ कर्मियों ने सांठ-गांठ कर यह रकम हड़प ली।
Created On :   3 April 2021 5:29 PM IST