मध्य प्रदेश : डायवर्सन में भू-राजस्व का रिशेड्यूलिंग अब 30 दिन में

Re-scheduling of land revenue in Diversun under lok sewa Guarantee
मध्य प्रदेश : डायवर्सन में भू-राजस्व का रिशेड्यूलिंग अब 30 दिन में
मध्य प्रदेश : डायवर्सन में भू-राजस्व का रिशेड्यूलिंग अब 30 दिन में

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में राजस्व विभाग के अंतर्गत भूमि के डायवर्सन के बाद भू-राजस्व का रि-शेड्यूलिंग 30 कार्य दिवस में लोक सेवा गारंटी कानून के तहत एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से आनलाईन किया जाएगा। इस संबंध में राजस्व विभाग ने आदेश जारी कर दिए गए हैं।

बता दें कि मप्र भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 में प्रावधान है कि शहरी सीमा के अंतर्गत या शहरी सीमा से बाहर पांच किलोमीटर दूर तक, ढाई हजार से अधिक जनसंख्या वाले ग्रामों तथा राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित अन्य क्षेत्रों में यदि किसी भूमि का जो विकास योजना में कृषि भिन्न प्रयोजन के लिए आरक्षित की गई है। मगर उसका उपयोग कृषि के लिए किया जाता है। भूमि स्वामी अपनी भूमि या उसके किसी भाग को ऐसे प्रयोजन के लिए डायवर्सन करना चाहता है। जिसके लिए वह भूमि, विकास योजना में आरक्षित है, तो भूमि स्वामी द्वारा अपने आशय की उपखण्ड राजस्व अधिकारी को दी गई लिखित जानकारी देना पर्याप्त होगी। ऐसे डायवर्सन के लिए कोई परमीशन की जरुरत अपेक्षित नहीं होगी।

इसी प्रकार, यदि किसी भूमि का जो कृषि प्रयोजन के लिए निर्धारित की गई है, भूमि स्वामी अपनी भूमि या उसके किसी भाग को उद्योग के प्रयोजन के लिए डायवर्सन करना चाहता है और ऐसी भूमि, विकास योजना के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र से भिन्न किसी क्षेत्र में स्थित हो, तो भूमि स्वामी द्वारा अपने आशय की उपखण्ड राजस्व अधिकारी को दी गई लिखित जानकारी पर्याप्त होगी और ऐसे डायवर्सन के लिए कोई परमीशन अपेक्षित नहीं होगी।

उक्त दोनों मामलों में डायवर्सन की लिखित सूचना देने के बाद संबंधित भूमि पर भू-राजस्व संहिता की धारा 59 के तहत भू-राजस्व के रि-शेड्यूलिंग की जरुरत होती है। इससे भू-राजस्व के रि-शेड्यूलिंग की कार्रवाई में कई महीने लग जाते थे जिससे इस डायवर्सन का कोई मतलब नहीं रहता था, इसीलिए अब भू-राजस्व के रि-शेड्यूलिंग को लोक सेवा गारंटी कानून के तहत ला दिया गया है।

इसके लिए लोक सेवा केंद्र में जाकर आवेदक आनलाईन आवेदन कर सकेगा जिसका उसे 30 रुपए शुल्क जमा करना होगा। इस आवेदन का अनुविभागीय राजस्व अधिकारी तीस कार्य दिवस में निपटारा करेंगे। यदि तीस दिन में निपटारा नहीं होता है तो जिला कलेक्टर के समक्ष प्रथम अपील की जा सकेगी, जहां पुन: तीस कार्य दिवस में अपील का निपटारा किया जाएगा।

लग गए पांच माह
दरअसल राज्य के लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने भू-राजस्व के रि-शेड्यूलिंग की उक्त सेवा को लोक सेवा गारंटी कानून के तहत लाने के लिए 27 अक्टूबर 2016 को इस सेवा को राजस्व विभाग के अंतर्गत अधिसूचित किया था। परन्तु राजस्व विभाग ने इस नई सेवा को प्रारंभ करने के लिए अब पांच माह बाद स्वीकृति संबंधी आदेश जारी किया है। अब लोक सेवा प्रबंधन विभाग को इसे आनलाईन प्रदान करने के लिए एक माह का ओर समय लिया जाएगा।

लोक सेवा प्रबंधन मप्र के प्रबंधक अंकित श्रीवास्तव ने मामले में कहा है कि ‘‘किसी सेवा को लोक सेवा गारंटी कानून के तहत देने के लिए अनेक तकनीकी व्यवस्थाएं करना होती है और पूरा सेट-अप तैयार करना होता है, इसीलिए राजस्व विभाग के अंतर्गत भू-राजस्व रि-शेड्यूलिंग की यह सेवा पूरी तरह अमल में लाने के लिए एक माह और लगेगा।’’

Created On :   25 April 2018 7:30 AM GMT

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