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रिश्वत लेने वाले तहसीलदार के रीडर अनीराम को 4 वर्ष का कठोर कारावास
डिजिटल डेस्क, बालाघाट। पुश्तैनी जमीन में अपना नाम जुड़वाने के लिए आवेदन करने वाले एक आवेदक से तीन हजार रूपये रिश्वत लेने वाले रीडर को अदालत ने चार साल की कैद व तीस हजार रूपये के जुर्माने से दंडित किया है। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़े परसवाड़ा तहसीलदार के रीडर अनीराम पिता हरिशचंद्र मुरकुटे को भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 4 एवं 7 में दोषी पाते हुए बालाघाट न्यायालय के माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक कुमार अग्रवाल की अदालत ने 4 वर्ष के सश्रम कारावास और 30 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया है। माननीय न्यायालय में अभियोजन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी के.एल. वर्मा ने पैरवी की थी।
मामला 14 अक्टूबर 2014 का है, जब अपराधी अनीराम मुरकुटे परसवाड़ा तहसीलदार के यहां रीडर था। इस दौरान परसवाड़ा तहसीलदार कार्यालय में पैतृक संपत्ति में नाम जुड़वाने के एक मामले में अनीराम मुरकुटे ने इकबाल खान से 3 हजार रूपये के रिश्वत की मांग की थी। जिसकी इकबाल खान ने शिकायत जबलपुर लोकायुक्त पुलिस को की थी। इस दौरान शिकायतकर्ता की शिकायत सही पाते हुए योजनाबद्व तरीके से जबलपुर लेाकायुक्त पुलिस ने रिश्वत की 3 हजार रूपये की रकम के साथ रीडर अनीराम मुरकुटे को रंगे हाथ पकड़ा था। जिसमें लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया था। मामले की संपूर्ण विवेचना उपरांत लोकायुक्त पुलिस ने अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया था। जिसमें चल रही सुनवाई के बाद आज 4 अक्टूबर को बालाघाट न्यायालय के माननीय न्यायाधीश दीपक कुमार अग्रवाल की अदालत ने आरोपी रीडर अनीराम मुरकुटे को भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 4 और 7 में दोषी पाते हुए धारा 4 में 3 वर्ष और 5 हजार रूपये जुर्माना और धारा 7 में 4 वर्ष और 25 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
Created On :   4 Oct 2018 1:15 PM GMT