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इस साल हुआ तुअर दाल का रिकार्ड उत्पादन, मंडी में खरीद नहीं होने से किसान परेशान
डिजिटल डेस्क, यवतमाल। तुअर का इस बार रिकार्ड उत्पादन हुआ है। सरकार ने मार्केट में इसका रेट भी कम कर दिया है। सरकार की ओर से तुअर की खरीदी भी बंद कर दी गई है जबकि किसानों के पास अभी क्विटंलों दाल पड़ी हुई है। बाजार में तुअर की आवाक अधिक होने से व्यापारी भी माल उठाने से बच रहे हैं । किसानों की उपज खरीदने के लिए फिर से खरीदी केन्द्र शुरू करने की मांग की जा रही है । किसान संगठनों ने खरीद केंद्र नहीं शुरू करने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
उल्लेखनीय है कि पांढरकवड़ा कृषि उपज मंडी में नाफेड की ओर से तुअर की खरीदी शुरू की गई थी। लेकिन 15 मई 2018 को अगला सरकारी आदेश मिलने तक तुअर खरीदी बंद करने के आदेश दिये गए। जिससे किसानों की हजारों क्विंटल तुअर कृषि उपज मंडी के परिसर में पड़ा ही रह गया। अभी तक पांढरकवड़ा कृषि उपज मंडी ने तुअर खरीदी के तारीख की घोषण नहीं की है। आनेवाले दिनों में मानसून कभी भी दस्तक दे सकता है जिससे किसानों की हजारों क्विंटल तुअर खराब हो सकती है।
अगली फसल को लेकर चिंतित हुए किसान
मंडी परिसर में पड़ी हजारों क्विंटल तुअर की जिम्मेदारी लें यह मांग किसानों व्दारा की जा रही है। सरकार ने इस साल किसानों की तुअर खरीदी नहीं की तो अगली फसल लेना किसानों के लिए मुश्किल नजर आ रहा है। जिसके चलते किसानों ने सरकार से दस लाख की नुकसान भरपाई की मांग की है। इस मांग को लेकर ग्राहक प्रहार के प्रसाद नावलेकर ने तहसीलदार शेख साहाब के साथ चर्चा की। उनके मुताबिक मंडी में किसानों की कुल 5 हजार क्विंटल तुअर है। तुअर की जल्द से जल्द खरीदी करने व 30 मई तक तुअर खरीदी न करने पर प्रहार द्वारा तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन देते समय प्रहार के जिला अध्यक्ष विलास पवार, डा. रमेश काले, प्रसाद नावलेकर, प्रकाश पुरोहित, भैयासाहेब ठमके, दामोदर बाजोरिया, अमित एलकुंचिवार, मिलिंद नालमवार, राकेश पडलवार, अजय डुंमन्वार के साथ सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
Created On :   30 May 2018 8:36 AM GMT