राज्य भर में सहायक प्रोफेसर के 2088 पदों पर होगी भर्ती

Recruitment will be done on 2088 posts of Assistant Professor across the state
राज्य भर में सहायक प्रोफेसर के 2088 पदों पर होगी भर्ती
प्रिंसिपल के 370 पदों के लिए शुरु है भर्ती प्रक्रिया राज्य भर में सहायक प्रोफेसर के 2088 पदों पर होगी भर्ती

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  प्रदेश के गैर सरकारी अनुदानित महाविद्यालयों के सहायक प्रोफेसर के 2088 पदों को अगले साल के नए शैक्षणिक वर्ष शुरू होने से पहले भर लिया जाएगा। ये सहायक प्रोफेसर साल 2022-23 के शैक्षणिक वर्ष में विद्यार्थियों को महाविद्यालयों में पढ़ाना शुरू कर देंगे। जबकि महाविद्यालयों के प्रिंसिपल के 370 रिक्त पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरु है।  बुधवार को मंत्रालय में प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा उदय सामंत ने यह जानकारी दी।

सामंत ने कहा कि राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद उच्चस्तरिय सचिव समिति ने महाविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर और प्रिंसिपल के 4738 पदों को भरने की मंजूरी दी थी। जिसमें से सहायक प्रोफेसर के 1674 पद भरे जा चुके हैं। कोरोना महामारी में आर्थिक संकट के चलते सरकार ने भर्ती पर रोक लगा दी थी। इसलिए बाकी के पदों को नहीं भरा जा सका था। लेकिन अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भर्ती पर पाबंदी को शिथिल करने का निर्णय लिया है। वित्त विभाग ने 1 अक्टूबर 2020 के विद्यार्थी संख्या के आधार पर सहायक प्रोफेसर के 2088 पदों को भरने की मंजूरी दी है। इन पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया नवंबर के आखिर तक शुरू कर हो जाएगी। इस भर्ती के लिए उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग की तरफ से जल्द शासनादेश भी जारी किया जाएगा।

आर्थिक हालत सुधरने पर भरे जाएंगे और पद 
सामंत ने कहा कि 2088 पदों की भर्ती पूरी होने के बाद बचे हुए पदों को भी राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार के बाद भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों को सहायक प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी करनी होगी। सामंत ने कहा कि महाविद्यालयों में प्रिंसिपल के सभी रिक्त 370 पदों को शत प्रतिशत भरने का फैसला किया है। बीते 23 मार्च 2021 के शासनादेश के जरिए प्रिंसिपल की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। 

गैर नेट-सेट वालों को भी पेंशन लाभ 
इस बीच सामंत ने कहा कि राज्य में 23 अक्टूबर 1992 से 3 अप्रैल 2000 तक की अवधि में नियुक्त गैर नेट-सेट धारक 4133 प्रोफेसरों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का फैसला लिया गया है। इसमें सेवानिवृत्त हो चुके प्रोफेसरों को भी पुरानी पेंशन का लाभ मिल सकेगा। सामंत ने कहा कि घंटा आधारित जूनियर लेक्चर के मानधन में 25 प्रतिशत प्रतिशत वृद्धि की गई है। घंटा आधारित जूनियर लेक्चरर की नियुक्ति के लिए नई वैकल्पिक नीति बनाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद अगली कार्यवाही की जाएगी। 

Created On :   10 Nov 2021 7:12 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story