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रेड लाइट एरिया: जानलेवा बीमारियों से हैं पीड़ित ,रोटी भी नहीं हो रही नसीब

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर का रेडलाइट एरिया गंगा-जमुना में देह व्यवसाय पिछले साल 11 अगस्त को बंद किया गया। आय का साधन बंद होने से इस व्यवसाय से जुड़ी महिलाओं के सामने विकराल समस्या पैदा हो चुकी है। सबसे बड़ी समस्या पेट भरने की है। इसके अलावा अधिकतर महिलाएं शुगर, बीपी, ह्दय रोग, टीबी, कैंसर सहित अन्य जानलेवा बीमारियों से पीड़ित हैं। सरकारी स्तर पर कोई मदद नहीं मिल रही है। मुफ्त में दवा का आश्वासन मिला था, लेकिन उसके लिए भी पैसे चुकाने पड़ते हैं। ऐसा गणिका महिला संगठन की महिलाओं ने बताया। देह व्यवसाय के भरोसे अपना गुजारा करने वाली महिलाओं के संगठन ने समस्याएं गिनाईं। रेडलाइट एरिया में ओडिशा के अलग-अलग गांवों के अलावा ग्वालियर, बिलासपुर की महिलाएं बड़ी संख्या में रहती हैं।
आय का साधन नहीं : देह व्यवसाय से जुड़ी महिला कला (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उसे शुगर व बीपी है। इस कारण उसे रोज दवा लेनी पड़ती है। सालभर से आय का साधन नहीं है। ऐसे में दवा लेने के लिए पैसा कहां से लाएं, यह सवाल खड़ा हो गया है। सांसद स्वास्थ्य कार्ड 60 साल की ऊपर की महिलाओं का बन रहा है।
दवाई खरीदने पैसा नहीं : 60 साल की कमला (बदला हुआ नाम) ने बताया कि, 50 साल पहले घर के हालात से तंग आकर बिलासपुर से नागपुर पहुंची थी। अब यह व्यवसाय बंद होने से पेट पालने की समस्या पैदा हो गई है। विविध बीमारियों से ग्रस्त होने से उसे स्वास्थ्य कार्ड पर 2000 की दवा लेने पर ही सहुलियत मिलती है। सहुलियत के नाम पर 10-15 फीसदी बिल कम होता है।
बच्चों की शिक्षा का खर्च कैसे निकालें : देह व्यवसाय से जुड़ी एक अन्य महिला ने बताया उसके दो छोटे बच्चे हैं। उनका दूध का खर्च भी पूरा कर पाना उसके लिए मुश्किल हो चुका है। इन बच्चों का स्कूल में दाखिला किया गया है। उनकी शिक्षा का खर्च कैसे निकाला जाए, यह सवाल पैदा हाे गया है।
प्रमाणपत्रों की शर्तें जटिल : एक एचआईवी ग्रस्त महिला ने बताया कि उसे निराधार योजना अंतर्गत लाभ मिल सकता है, लेकिन उसके लिए निवासी प्रमाणपत्र की आवश्यकता है। इस प्रमाणपत्र को पाने के लिए आवश्यक अन्य दस्तावेज उसके पास नहीं हैं। मकान मालिक व अन्य लोग उन्हें निवासी प्रमाणपत्र नहीं देते।
एड्सग्रस्तों को सहयोग राशि दी जाए : सुषमा (बदला हुआ नाम) ने बताया कि, उसके बेटे काे कोलाइटिस बीमारी हो गई है। उसकी सर्जरी करनी है। इसके लिए बड़ी राशि लगती है। उसके पास पैसा नहीं है, वह क्या करें। अनेक महिलाओं को एड्स ने घेरा है। महिलाओं ने सरकार ने 5000 रुपए महीने की सहयोग राशि देने की मांग की है।
Created On :   10 Aug 2022 4:05 PM IST