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रेमडेसिवर इजंक्शन की कालाबाजारी करने वाले को अग्रिम जमानत देने से इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई । बांबे हाईकोर्ट ने कोरोना केइलाज में कारगार इंजेक्शन रेमडेसिवर के कालाबजारी का आरोपों का सामान कर रहे ईएसआईएस सरकारी अस्पताल के निदेशक ललित राव पाटिल को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति नीतिन सांब्रे के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। आरोपी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव पाटिल ने कहा कि मेरे मुवक्किल एक मेडिकल प्रोफेशनल हैं। वे हमेशा जांच के लिए उपलब्ध रहेंगे। उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। मेरे मुवक्किल ने एक मरीज के उपचार के लिए इंजेक्शन दिए थे। मेरे मुवक्किल की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है। इसलिए मेरे मुवक्किल को जमानत प्रदान की जाए।
सरकारी वकील नेआरोपी की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान रेमडेसिवर इंजेक्सन की काफी मांग थी। लोगों को उस समय यह इंजेक्शन असानी से नहीं मिल रहे थे। उस समय आरोपी ने अवैध तरीके से इंजेक्शन को कालाबाजारी के लिए उपलब्ध कराया है। आरोपी एक तरह से इस इंजेक्शन को अवैध तरीके से उपलब्ध कराने का प्राथमिक सोर्स था। आरोपी ने कई निजी अस्पतालव पॉलिक्लिनिक को रेमडेसिवर इंजेक्शन उपलब्ध कराया है। मामले से जुड़े अन्य आरोपियों ने जांच के दौरान पाटिल के बारे में जानकारी दी है। जहां तक बात आरोपी द्वारा उपचार के लिए इंजेक्शन देने के दावे की है तो उस शख्श ने आरोपी को पहचनाने से ही इनकार कर दिया है। जिसे आरोपी ने इंजेक्शन देने की बात कही थी। इसलिए आरोपी को जमानत न दी जाए। न्यायमूर्ति ने मामले से जुड़े तथ्यों व जांच के दौरान इकट्ठा की गई सामग्री पर गौर करने के बाद कहा कि प्रथम दृष्टया इस मामले में आरोपी की संलिप्तता नजर आ रही है। लिहाजा आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती है। इस तरह से न्यायमूर्ति ने आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।
Created On :   11 Dec 2021 5:27 PM IST