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उन 4 सार्वजनिक भूखंड को लेकर कोर्ट ने कहा - ‘जैसे के वैसे’ स्थिति रखें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने चिंचमलातपुरे नगर नागरिक कृति समिति द्वारा दायर उस जनहित याचिका पर अपना फैसला सुना दिया है, जिसमें याचिकाकर्ता ने मानेवाड़ा स्थित ले-आऊट के 4 सार्वजनिक भूखंडों पर अतिक्रमण का मुद्दा उठाया था।
यह था मामला : याचिकाकर्ता के अनुसार, राघवेंद्र हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसायटी ने मानेवाड़ा क्षेत्र में खसरा नंबर 62/1, 68/1, 67/2, 69/1 क्रमांक के ले-आउट डाले थे। यहां नियमों के अनुसार प्रारूप में सार्वजनिक उपयोग की जमीन भी निर्धारित की गई थी। नागपुर सुधार प्रन्यास ने वर्ष 2001 को इस प्रारूप को मंजूरी दी थी। इसके बाद वर्ष 2013 में विजय चिंचमलातपुरे और राम चिंचमलातपुरे ने मिलकर सार्वजनिक उपयोग के लिए तय जमीन पर वाॅल कंपाउंड बनाकर उसे प्लॉट घोषित कर दिया। यहीं नहीं, उन्होंने अपनी ओर से प्लॉट पर नंबर प्लेट भी लगा दी।
इधर, चिंचमलातपुरे ने इन भू-खंडों को नियमित कराने के लिए नासुप्र में आवेदन किया था, लेकिन नासुप्र ने यह दलील देकर अर्जी खारिज की थी कि यह भू-खंड निर्धारित ले-आउट के अनुरूप नहीं है। ऐसे में याचिकाकर्ता ने दलील दी कि एक बार नियमितीकरण का प्रस्ताव खारिज हो जाने के बाद स्थानीय प्रशासन को अतिक्रमण हटाना जरूरी हो जाता है। मामले में सभी पक्षों को सुनकर हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया कि संबंधित ले-आउट में सार्वजनिक भूखंडों को ‘ज्यों का त्यों’ रखा जाए। इसके लिए जो भी जरूरी हो, वह कार्रवाई प्रशासन करे। याचिकाकर्ता ने प्रतिवादी चिंचमलातपुरे को नियमानुसार दीवानी न्यायालय में अपना पक्ष रखने का आदेश जारी करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से एड.उज्जवल फसाटे ने पक्ष रखा व नासुप्र की ओर से एड.गिरीश कुंटे ने पक्ष रखा।
Created On :   18 Feb 2021 12:31 PM IST