भारी फर्जीवाड़ा : रिकॉर्ड पर चल रही 2013 सहकारी संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द

Registration of 2013 Cooperative Societies canceled who running on records
भारी फर्जीवाड़ा : रिकॉर्ड पर चल रही 2013 सहकारी संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द
भारी फर्जीवाड़ा : रिकॉर्ड पर चल रही 2013 सहकारी संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द

योगेश चिवंडे, नागपुर। लोगों का विश्वास जीतने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल हुईं विविध सहकारी संस्थाएं सरकारी मानकों पर खरा नहीं उतर पाई। नागपुर संभाग की 2 हजार 13 सहकारी संस्थाओं का विभागीय सहनिबंधक सहकारी संस्था नागपुर द्वारा रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। इन पर निष्क्रिय होने का आरोप है। कई ने अपने कार्यालयीन पता बदल लिया है। विभागीय सहनिबंधक सहकारी कार्यालय में  न ऑडिट पेश कर पाए और न चुनाव कराए थे। सिर्फ रिकार्ड पर थे, कामकाज कुछ नहीं हो रहा था। जिसके बाद इन संस्थाओं पर लिक्विडेटर नियुक्त कर इन संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया।

गृहनिर्माण संस्थाओं पर फर्जीवाड़े का आरोप
रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए संस्थाओं में बड़ी संख्या में गृहनिर्माण संस्थाओं का समावेश है। कुछ गृहनिर्माण संस्थाएं वर्षों से बंद पड़ी है। चर्चा है कि इन संस्थाओं ने अपने सोसायटी के प्लॉट बेचने के बाद संस्थाओं को बंद कर दिया है। संस्थाएं बंद होने से प्लॉट धारक इन्हें ढूंढने मारे-मारे फिर रहे हैं। इन पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। इनके खिलाफ पुलिस थानों में भी शिकायतें दर्ज हैं। दूसरी बड़ी वजह गृहनिर्माण संस्थाओं के पदाधिकारियों में अंदरुनी कलह है। सोसायटी की जिम्मेदारी उठाने वाले पदाधिकारियों में ही आपस में बन नहीं रही है। कोई किसी को सहयोग नहीं कर रहा है।

एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें चल रही थीं। शिकायत यह थी कि सोसायटी में फलां-फलां का कोई योगदान नहीं है। किसी ने अनधिकृत निर्माणकार्य किया है। वार्षिक सभाएं नहीं ली गई। कोई पानी का बिल नहीं दे रहा है तो कोई ज्यादा पानी उपयोग कर रहा है। आदि शिकायतों के बाद संस्थाओं के पदाधिकारी ने असहयोग की भूमिका अपना ली। जिसके बाद न ऑडिट हुआ और न चुनाव हुए। अंतत: संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द हो गया।

बंद हुई पॉवरलूम-हैंडलूम संस्थाएं
गृहनिर्माण संस्थाओं के बाद बंद होने वाली संस्थाओं में बड़ी संख्या पॉवरलूम, हैंडलूम संस्था, सुशिक्षित बेरोजगार संस्था बताई गई है। पॉवरलूम-हैंडलूम संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द होने के पीछे बड़ी वजह सरकारी नीतियों को बताया गया है। पॉवरलुम-हैंडलुम संस्थाओं को सरकार से अब तक सहायता मिलती रही है। अनुदानित कर्ज सहित अन्य माध्यमों से वित्तीय मदद संस्थाओं को आती रही है, लेकिन पिछले कुछ सालों में सरकार ने एक तरह से संस्थाओं को मदद करनी बंद कर दी है। इनसे माल खरीदना भी बंद कर दिया है। इस कारण अनेक पॉवरलूम और हैंडलूम संस्थाएं घाटे में चल रही हैं। फलत: यह अपने-आप निष्क्रिय हो गईं। कुछ इसी तरह की स्थिति सुशिक्षित बेरोजगार संस्थाओं की है। सरकार से किसी तरह का काम या ठेका नहीं मिलने से संस्था अस्तित्वहीन हो गई और इनका रजिस्ट्रेशन रद्द हो गया।  

ये हैं नियम
सहकारी संस्था अधिनियम अंतर्गत पंजीकृत होने वाली संस्थाओं को हर साल अपनी संस्था का ऑडिट सहनिबंधक सहकारी कार्यालय को सौंपना अनिवार्य है। हर वर्ष वार्षिक आमसभा और हर पांच वर्ष में संस्था के चुनाव कराना जरूरी है, लेकिन इन मापदंडों पर ये खरे नहीं उतरे। 

मौजूदा स्थिति
नागपुर विभाग में 2013 सहकारी संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के बाद अब 8 हजार 965 संस्थाएं पंजीकृत हैं। जिन संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द हुआ, उसमें नागपुर की 760, वर्धा की 644, भंडारा की की 336, चंद्रपुर की 144 और गडचिरोली की 129 संस्थाएं शामिल है।

दोबारा करना होगा आवेदन 
जिन संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द हुआ है, अगर वे रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं तो उन्हें दोबारा नए सिरे से आवेदन करना होगा। रद्द होने के बाद उसमें सुधार की कोई गुंजाईश नहीं है। निष्क्रिय होने के बाद संस्थाओं पर लिक्विडेटर की नियुक्ति की जाती है। उसी समय संस्थाओं को अपना पक्ष रख कर लेखा-जोखा प्रस्तुत करना चाहिए था, लेकिन उस समय भी ये संस्थाएं निष्क्रिय रही हैं।
संजय गोंदे, विभागीय उपनिबंधकविभागीय सहनिबंधक सहकारी संस्था नागपुर

Created On :   2 Aug 2018 11:56 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story