मेडीकल कालेजों में क्यों नहीं हो रही नियमित अधीक्षकों की नियुक्तियां ?

Regular appointments of Superintendents in medical colleges
मेडीकल कालेजों में क्यों नहीं हो रही नियमित अधीक्षकों की नियुक्तियां ?
मेडीकल कालेजों में क्यों नहीं हो रही नियमित अधीक्षकों की नियुक्तियां ?

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। ​​​​​​प्रदेश के सभी 6 सरकारी मेडीकल कॉलेजों में अधीक्षक के पद पर प्रभारियों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार को जवाब पेश करने की मोहलत दी है। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ ने शुक्रवार को मामले पर सुनवाई 6 सप्ताह बाद निर्धारित की है। 

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपाण्डे की ओर से वर्ष 2016 में दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के सभी 6 सरकारी मेडीकल कॉलेजों में अधीक्षक के पद खाली हैं और वहां पर अभी प्रभारी ही जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। आवेदक का कहना है कि अभी जो अधीक्षक हैं, उनके पास पहले से पढ़ाने और इलाज की जिम्मेदारी थी और अब वे अधीक्षक के पद की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

 ऐसे हालात प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के हैं। आवेदक के अनुसार वर्ष 2011 में राज्य सरकार ने एक मामले पर हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ में जवाब दिया था कि जल्द ही सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अधीक्षक और डीन के पदों पर नियमित नियुक्तियां की जाएंगी। इसके बाद भी प्रभारियों को अधीक्षक पद की जिम्मेदारी सौंपे जाने को चुनौती देकर यह जनहित याचिका दायर की गई। इस मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 21 सितंबर 2016 को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे। 

मामले पर शुक्रवार को आगे हुई सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश देकर सुनवाई 6 सप्ताह के लिए मुलतवी कर दी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय पैरवी कर रहे हैं।

Created On :   6 Oct 2017 11:44 PM IST

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