सरकार ने बदली नीति, इन बस्तियों में विकास कार्य के लिए नहीं मिलेगी दोबारा निधि

Rehabilitation will not be available for development work in the settlements
सरकार ने बदली नीति, इन बस्तियों में विकास कार्य के लिए नहीं मिलेगी दोबारा निधि
सरकार ने बदली नीति, इन बस्तियों में विकास कार्य के लिए नहीं मिलेगी दोबारा निधि

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक ही बस्ती में विकास कार्य के लिए दो बार निधि देने की नीति सरकार ने बदली है। दलित बस्ती सुधार कार्यक्रम अंतर्गत अनुसूचित जाति व नवबौद्ध बहुल बस्तियों में विकास कार्यों के लिए निधि आवंटित की जाती है। जनसंख्या के आधार पर निधि मंजूर करने की शर्त है लेकिन अब एक बार दलित बस्ती में विकास कार्य किए जाने पर दोबारा निधि आवंटित नहीं करने का निर्णय लिया गया है। सरकार के इस निर्णय से दलित बस्तियों के विकास पर एक तरह से ‘ब्रेक’ लग गया है।

इमारतें हुईं खस्ताहाल 
दलित बस्ती सुधार कार्यक्रम सामाजिक न्याय विभाग की महत्वपूर्ण योजना है। दलित बस्ती सुधार योजना अंतर्गत अनेक स्थानों पर समाज मंदिर, सड़कें, सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण किए गए। समाज को इसका अच्छा लाभ मिल रहा है। घटिया गुणवत्ता के निर्माण कार्य तथा रख-रखाव ठीक नहीं होने के कारण इमारतें खस्ताहाल हो गई हैं।
 
यह है कारण
वर्ष 2008 में दलित बस्तियों का दोबारा सर्वेक्षण कर न्यूनतम 50 जनसंख्या की शर्त रद्द कर जनसंख्या के आधार पर विकास कार्य करने की नीति बनाई गई। पांच साल का नियोजन प्रारूप मंजूर कर विकास कार्यों के लिए निधि अावंटन की योजना भी बनी। इसमें जलापूर्ति व जलनिकासी के कामों को प्राथमिकता दी गई, परंतु पिछले चार-पांच साल में दलित बस्ती सुधार योजना के प्रस्तावों में सर्वाधिक सड़कों के निर्माण कार्यों की मांग अधिक रही। इसमें भी सीमेंट सड़कों के निर्माण का आंकड़ा सबसे आगे रहा। इसे देखते हुए सामाजिक न्याय विभाग ने अब दलिब बस्ती में एक बार ही विकास कार्यों पर निधि मंजूर करने का निर्णय लिया है। 

अब यह निर्देश
जनसंख्या के आधार पर अनुदान की न्यूनतम सीमा 2 लाख से 20 लाख रुपए निर्धारित की गई है। शासन निर्णय के अनुसार जिन बस्तियों में विकास कार्य नहीं किए गए हैं, उन बस्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी। मंजूर योजनाओं पर किया गया खर्च देय निधि से घटाकर शेष अनुदान नई योजनाओं पर खर्च किया जाएगा। दलित बस्ती में एक बार विकास कार्य करने के बाद दोबारा निधि खर्च नहीं करने के शासनादेश में निर्देश दिए गए हैं।

Created On :   6 March 2018 2:29 PM IST

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