आरक्षण की 50 फीसदी सीमा शिथिल हो : अशोक चव्हाण  

Relaxation of 50 percent reservation limit: Ashok Chavan
आरक्षण की 50 फीसदी सीमा शिथिल हो : अशोक चव्हाण  
आरक्षण की 50 फीसदी सीमा शिथिल हो : अशोक चव्हाण  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वरिष्ठ कांग्रेस नेता, मंत्री व मराठा आरक्षण समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा केवल एसईबीसी घोषित करने के अधिकार को बहाल करने से मराठा आरक्षण की राह आसान नहीं होगी।  उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण देना है तो केंद्र सरकार को 50 फीसदी आरक्षण की सीमा में ढील देनी चाहिए।एसईबीसी घोषित करने का अधिकार राज्यों को बहाल करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चव्हाण ने कहा कि मराठा आरक्षण प्रकरण में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 102वें संविधान संशोधन के बाद एसईबीसी घोषित करने का अधिकार राज्यों के पास नहीं है, यह अधिकार केंद्र के पास है। साथ आरक्षण 50 फीसदी सीमा से अधिक नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए ये दोनों अड़चनों को दूर करना आवश्यक है। ऐसे में केंद्र को एसईबीसी घोषित करने का अधिकार राज्यों को देते हुए 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को शिथिल करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास आघाड़ी सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने 8 जून 2021 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान आरक्षण सीमा में छूट का अनुरोध किया था। मराठा आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र समेत कई राज्यों ने आरक्षण सीमा में ढील देने पर सहमति जताई थी। पर केंद्र सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर अपना रुख साफ नहीं किया है। चव्हाण ने कहा कि मराठा आरक्षण कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दल, केंद्र और राज्य सरकार इसे मिलकर हल कर सकते हैं। अभी भी देर नहीं हुई है। संसद का अधिवेशन चल रहा है। इसी अधिवेशन में राज्यों को अधिकार देते हुए आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से शिथिल करने के लिए भाजपा को केंद्र सरकार से आग्रह करना चाहिए और महाविकास आघाड़ी सरकार के प्रयासों में सहयोग करना चाहिए।

मौजूदा सत्र में हो  संशोधन
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि 102वें संविधान संशोधन के बाद राज्यों को किसी एकाध जाति को पिछड़ा वर्ग घोषित कर आरक्षण देने का अधिकार अबाधित है, ऐसा स्पष्टीकरण करने वाला संशोधन संसद के चालू सत्र में लाया जाए और सभी को इसका एकमत से समर्थन करना चाहिए।

Created On :   5 Aug 2021 5:52 PM IST

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