निर्धारित अवधि पूर्व कैदी को रिहा करें

Release the prisoner before the stipulated period: High Court order
निर्धारित अवधि पूर्व कैदी को रिहा करें
हाईकोर्ट का आदेश निर्धारित अवधि पूर्व कैदी को रिहा करें

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   नाबालिग पर अत्याचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कैदी को समयसीमा से पहले छोड़ने का आदेश उच्च न्यायालय ने दिया है। नागपुर खंडपीठ के न्यायमूर्ति महेश सोनक और पुष्पा गनेड़ीवाल ने कैदी को 4 सप्ताह के भीतर रिहा करने का आदेश अमरावती कारागृह के अधीक्षक को दिया है। न्यायालय ने सभी अवकाश रियायतों के साथ कारावास के 23 वर्ष पूरे होने के चलते गृहविभाग के दिशा-निर्देश के आधार पर कैदी को कारागृह से रिहा करने का आदेश दिया है।  

सत्र न्यायालय ने सुनाई थी उम्र कैद की सजा
अमरावती कारागृह में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कैदी राजू बांडेबुचे ने अमरावती जिला सत्र न्यायालय में समयावधि से पहले रिहा करने की याचिका की थी। याचिकाकर्ता को 6 सितंबर 2004 को अमरावती सत्र न्यायालय ने धारा 376 एवं पोक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सत्र न्यायालय ने 19 जुलाई 2014 को कारागृह अधीक्षक को 15 मार्च 2010 की नियमावली के तहत (श्रेणी) 8 बी अनुसार 20 साल पूर्ण होने पर रिहाई करने का आदेश दिया था। 

गृह विभाग के आदेश को दी थी चुनौती
अधीक्षक ने राज्य के गृह विभाग को कैदी की रिहाई के लिए अपनी रिपोर्ट भेजी, लेकिन 1 जून 2019 को गृहविभाग के अवर सचिव ने आदेश जारी कर अपराध की गंभीरता को देखते हुए  प्रस्ताव खारिज कर दिया था। इस आदेश को याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। न्यायालय में सुनवाई के दौरान 18 साल की सजा के साथ रियायत अवकाश को मिलाकर 23 साल पूरे होने के चलते रिहाई का आदेश दिया है। 
 

Created On :   11 Jan 2022 11:44 AM GMT

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