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पुलिस के दो विभाग में तालमेल न होने की खबर लिखने वाले पत्रकार को कोर्ट से राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने पुलिस के दो विभागों के बीच तालमेल न होने व खींचतान शुरु होने से जुड़ी खबरे लिखने पर आपराधिक मामले का सामना कर रहे एक पत्रकार को राहत प्रदान की है। कोर्ट ने सोलापुर के पत्रकार अमोल व्यवहारे के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द कर उन्हें राहत दी है। पत्रकार व्यवहारे ने सोलापुर जिले के पुलिस के दो विभाग के बीच तालमेल न होने व खींचतान जारी होने को लेकर दो खबरे लिखी थी। इसके बाद उनके खिलाफ पुलिस में आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर व्यवहारे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति एसएम मोडक की खंडपीठ के सामने इस मामले की सुनवाई हुई। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस मामले में आरोपी के खिलाफ 505(2) के खिलाफ दर्ज किया मामला नहीं बनता है। इसलिए उसे रद्द किया जाता है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक आरोपी ने सोलापुर पुलिस के दो विभाग के बीच तालमेल न होने के संबंध में खबर लिखी थी। एक खबर में सोलापुर पुलिस की अपराध शाखा की ओर से की गई छापेमारी का जिक्र किया गया था। इसके अलावा दूसरी खबर में अपराध शाखा व पुलिस उपायुक्त के बीच खीचतान होने का दावा किया गया था। अभियोजन के मुताबिक आरोपी की ओर से लिखी गई खबरे मानहानिपूर्ण है। इसलिए इस मामले में 505(2) के तहत मामला बनता है। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिका में जिन खबरों का जिक्र किया गया वे पुलिस के कामकाज को लेकर अच्छा संदेश नहीं देती है। लेकिन यह धारा (505(2) विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से झूठे बयान आदि फैलाना. शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से पूजा के स्थान आदि में झूठे बयान या भाषण आदि देना)के तहत मामला दर्ज करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए आरोपी के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द किया जाता है।
Created On :   7 May 2022 7:14 PM IST