ट्रेन हादसे में दोनों पैर गंवाने वाले युवक को राहत, कोर्ट ने कहा- आरपीएफ के बयान पर विश्वास नहीं

Relief to the youth who lost both legs in a train accident, the court said - do not believe the statement of RPF
ट्रेन हादसे में दोनों पैर गंवाने वाले युवक को राहत, कोर्ट ने कहा- आरपीएफ के बयान पर विश्वास नहीं
सात साल पहले का है मामला ट्रेन हादसे में दोनों पैर गंवाने वाले युवक को राहत, कोर्ट ने कहा- आरपीएफ के बयान पर विश्वास नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  करीब 7 वर्ष पूर्व एक ट्रेन हादसे में अपनी दोनों पैर गंवाने वाले एक युवक को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ से बड़ी राहत मिली है। पीड़ित को मुआवजे का हकदार मानते हुए नागपुर खंडपीठ ने मध्य रेलवे महाप्रबंधक को आदेश दिया है कि, वे 8 लाख रुपए का मुआवजा ब्याज समेत अदा करें।  पीड़ित युवक का नाम नीलेश भगवान माकड़े है और वह अमरावती के बेलपुरा का निवासी है। 

ट्रेन में चढ़ते समय हुआ था हादसा : 20 सितंबर 2014 को नीलेश अपनी मां के साथ अमरावती-नागपुर पैसेंजर ट्रेन से यात्रा कर रहा था।  ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आई, जनरल बोगी में काफी भीड़ थी। नीलेश की मां तो जैसे-तैसे बोगी में चढ़ गई, लेकिन नीलेश नहीं चढ़ सका। वह फिसल कर गिरा पड़ा और ट्रेन की चपेट में आकर उसके दोनों पैर कट गए। इस हादसे के बाद उन्होंने मुआवजे के लिए ट्रिब्यूनल की शरण ली। रेलवे ने इस प्रकरण में दलील दी कि, यह हादसा नीलेश की गलती से हुआ, क्योंिक वह चलती ट्रेन में सवार होने का प्रयास कर रहा था। घटना के तीन दिन बाद रेलवे पुलिस बल को दिए बयान में खुद नीलेश ने ऐसा कबूल किया था। रेलवे ने नीलेश का यही बयान उनके खिलाफ कोर्ट में प्रस्तुत किया, लेकिन नीलेश ने स्वयं को इस बयान से अलग कर लिया। फिर भी ट्रिब्यूनल ने उसका दावा खारिज कर दिया।  हाईकोर्ट ने भी अपने निरीक्षण में कहा ,कि जब स्वयं नीलेश आरपीएफ द्वारा प्रस्तुत बयान से संतुष्ट नहीं है, तो उस बयान को महत्व देकर मुआवजे का दावा भी खारिज नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने पीड़ित को 8 लाख रुपए का मुआवजा अदा करने के आदेश रेलवे को दिए हैं।  

Created On :   28 Sep 2021 4:34 AM GMT

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