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सेवानिवृत्ति की आयु 65 से 60 साल, 13500 महिलाएं होंगी ‘बेरोजगार’

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं व सहायिकाओं की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 65 साल से घटाकर 60 साल कर दी। सरकार के इस फैसले का असर नागपुर सहित राज्य की 13500 आंगनबाड़ी सेविकाओं व सहायिकाओं पर पड़ेगा। आंगनबाड़ी सेविकाआें ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है।
मुंबई जाने की तैयारी
नागपुर सहित राज्य में हजारों आंगनबाड़ी केंद्र हैं और हर आंगनबाड़ी केंद्र में एक सेविका व एक सहायिका काम करती है। इनका काम छोटे बच्चों को क, ख, ग सिखाने के साथ ही गरम आहार खिलाना होता है। सेविका को 5000 रुपए व सहायिका को 2500 रुपए मानधन मिलता है। राज्य के महिला व बाल विकास मंत्रालय ने 23 फरवरी को जीआर जारी कर सेविका व सहायिका की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 65 से घटाकर 60 साल कर दी।
13500 महिलाएं होंगी ‘बेरोजगार’
नागपुर जिले में 500 से ज्यादा ऐसी सेविका व सहायिका हैं, जिनकी आयु 60 साल से ज्यादा हैं। राज्य में यह संख्या 13500 है। इस आदेश के बाद 13500 महिलाआें को किसी भी वक्त घर जाना पड़ सकता है। आंगनबाड़ी कर्मचारी संगठन (सीटू) की नागपुर सचिव चंदा मेंढे के नेतृत्व में महिलाएं नागपुर से मुंबई जाने की तैयारी में हैं। मुंबई में 20 मार्च को सरकार के विरोध में महापड़ाव होगा।
मानधन में वृद्धि
सरकार ने जीआर जारी कर आंगनबाड़ी सेविका, मददनीस व मिनी आंगनबाड़ी की सेविकाआें के मानधन में वृद्धि कर दी है। सेविका को 1500 रुपए, मदतनीस को 1000 रुपए व मिनी आंगनबाड़ी सेविकाआें के मानधन में 1250 रुपए की वृद्धि की गई है। यह वृद्धि अक्टूबर 2017 से लागू होगी। इसका लाभ राज्य की 1 लाख 97 हजार 581 महिलाआें को मिलेगा।
मुंबई के आजाद मैदान पर होगा प्रदर्शन
मधुकर भरणे, अध्यक्ष आंगनबाड़ी कर्मचारी संगठन के मुताबिक सरकार के फैसले के विरोध में आंगनबाड़ी सेविकाएं 20 मार्च को मुंबई के आजाद मैदान पर महापड़ाव करेंगी। नागपुर से 600 सेविकाएं व सहायिका इस आंदोलन में शामिल होंगी। सरकारी आदेश से जो महिलाएं घर बैठेंगी, उसमें अधिकांश विधवा हैं और उनके पास आय का दूसरा स्रोत नहीं है। आंदोलनकारी मैदान में बैठकर ही विरोध जारी रखेंगे।
Created On :   4 March 2018 3:05 PM IST