सातवीं क्लास का रेवंत बना भारत का यंगेस्ट पेटेंट फाइल करने वाला स्टूडेंट

Revant becomes youngest boy of india who filed a patent
सातवीं क्लास का रेवंत बना भारत का यंगेस्ट पेटेंट फाइल करने वाला स्टूडेंट
सातवीं क्लास का रेवंत बना भारत का यंगेस्ट पेटेंट फाइल करने वाला स्टूडेंट

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  रेड लाइट को क्रॉस करते समय कार को पीछे से आ रहे टैक्टर ने टक्कर मार दी। यह बात सातवीं कक्षा के स्टूडेंट रेवंत के दिमाग में बैठ गई।  उसने कई तेलुगू मूवी देखी, जिसमें उसे खराब ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने का सॉल्यूशन निकालने की बात बताई गई थी।  उसके बाद रेवंत ने दिन-रात मेहनत कर तीन इंवेंशन किए और आज वो पेटेंट अपने नाम कराने वाला भारत का फर्स्ट यंगेस्ट पर्सन बन गया है। माउंट लिट्रा जी स्कूल के कक्षा सातवीं में पढ़ने वाले 12 वर्षीय बी. एस. रेवंत नंभूरी ने इंवेंशन कर यह बात साबित कर दिया कि मन में अगर कुछ करने के लिए ठान लिया जाए, तो उसको पूरा किया जा सकता है।

इनका कराया पेटेंट 
रेवंत की मां डॉ. शिल्पा नंभूरी ने बताया कि रेवंत के टीचर्स के अनुसार वह हमेशा ही इंवेंशन करने के बारे में सोचता है। कुछ भी चीजों को लेकर उसमें दिमाग में कुछ न कुछ नया करने की बात चलती रहती है। रेवंत ने मॉनिटरिंग आॅफ ट्रैफिक वॉयलेशन इन रियल टाइम शेपिंग स्मार्ट एंड सेफ सिटी, प्रिवेन्टिग एंड ओर डिटेक्टिंग थेफ्ट ऑफ व्हीकल्स यूजिंग ए स्मार्ट की और प्रिंटिंग एनिवेयर विदआउट रिक्वायरमेंट ऑफ नेटवर्क कनेक्टिविटी विषयों पर इंवेंशन कर पेटेंट फाइल किया है।

आगे भी कुछ नया करने की चाहत
रेवंत ने बताया कि वह हमेशा से ही कुछ अलग करना चाहता था। उसके पापा डाॅ. यू. आर. शेखर नंभूरी सी.सी.आर.ए.एस. मिनिस्ट्री ऑफ आयुष, नई दिल्ली तथा मां डॉ. शिल्पा नंभूरी एमडी इन आयुर्वेद हैं। रेवंत ने कहा कि उसने हमेशा देखा कि ट्रैफिक व्यवस्था बहुत खराब है, इसलिए इसके लिए कुछ अलग करना चाहिए। तब उसने इस पर काम किया। अगर किसी को गाड़ी चलाते हुए हार्टअटैक आ जाए, तो एम्बुलेंस को उस तक पहंुचने, उसके परिजनों को खबर मिलने का कोई साधन और कोई गाड़ी चोरी हो जाए, तो किस तरह से उसका पता लगाया जा सकता और जिन जगहों पर नेटवर्क कनेक्टिविटी प्रॉपर नहीं है, वहां पर कैसे वर्क किया जा सकता है आदि पर काम किया। अभी उसने चौथा इंवेंशन डिटेक्शन आॅफ द फेक लाइसेंस एंड डुप्लिकेट लाइसेंस पर पेटेंट फाइल किया है। 

शहर ही नहीं, देश का भी किया नाम रोशन
रेवंत ने बहुत छोटी सी उम्र में बहुत बड़ा अचीवमेंट किया है। यह हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है। रेवंत के इंवेंशन में स्कूल के टीचर्स और उसके पैरेंट्स का योगदान है। हमारे स्कूल की पूरी टीम ने रेवंत का अभिनंदन कर उसको बधाई दी। 
-मधु सिंह, प्राचार्य माउंट लिट्रा जी स्कूल

टीचर का रहता है सहयोग
अगर बच्चा कुछ करता है, तो टीचर का उसमें सहयोग रहता है। रेवंत के इस इंवेंशन में राशि हिरानी टीचर का विशेष सहयोग रहा है। रेवंत के दिमाग मेें हमेशा कुछ नए आइडियाज रहते हैं। अगर यह भी कहा जाए कि उसका दिमाग साइंटिफिक दिमाग है, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। रेवंत भारत का यंगेस्ट पेटेंट फाइल करने वाला बच्चा है। 
-विलास कार्लेकर, रीजनल मैनेजर
 

Created On :   17 Nov 2018 5:18 PM IST

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