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21 वीं सदी का क्रांतिकारी सुधार है नई शिक्षा नीतिः जावडेकर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 21 वीं सदी का क्रांतिकारी सुधार करार दिया है। महानगर के पारले तिलक विद्यालय एसोसिएशन के शताब्दी वर्ष में शिक्षक दिवस समारोह में वीडियो लिंक के माध्यम से बोलते हुए उन्होंने कहा कि बाल शिक्षा, खोज-आधारित शिक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण, मूलभूत और संख्यात्मक साक्षरता, सभी पर नई शिक्षा नीति में जोर दिया गया है। जावडेकर ने कहा कि शिक्षा नीति 2020 हमारे युवाओं को सशक्त करेगी, जो 21 वीं सदी में देश को आगे ले जायेंगे। उन्होंने कहा कि यह नीति ऐसी है जो छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए पढ़ाने और सीखने के अनुभव को सुखद बनाएगी।
श्री जावड़ेकर ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत अगले 10 वर्षों के भीतर सकल नामांकन अनुपात (जीईओर) को लगभग 25% के वर्तमान स्तर से बढ़ा कर दोगुना कर देगा।उन्होंने कहा कि देश भर के छात्रों की आकांक्षाएं बढ़ गई हैं और आर्थिक विकास ने माता-पिता को अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए प्रेरित किया है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल करते हुए उच्च शिक्षा संस्थानों का व्यापक भौगोलिक प्रसारऔर बढ़ी हुई मांग देश में सकल नामांकन अनुपात सुधारने वाले महत्वपूर्ण कारक होंगे। केंद्रीय मंत्री ने जागरूकता पैदा करने के साधन के रूप में शिक्षा पर लोकमान्य तिलक के विचारों का आह्वान करते हुए कहा कि नई नीति में संस्थापनात्मक और संख्यात्मक साक्षरता पर जोर दिया गया है और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग जैसे संस्थानों के जरिये सभी की शिक्षा तक पहुंच निश्चित की गई है।
उन्होंने प्रारंभिक बाल शिक्षा के महत्व को नई शिक्षा नीति की मुख्य विशेषता के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि3-8 साल के आयु समूह में संज्ञानात्मक कौशल, जिज्ञासा और मानसिक क्षमता का निर्माण किया जाना है। उन्होंने यह भी कहा कि रटने वाली शिक्षा की बजाय विषय की समझ हासिल करना अधिक महत्वपूर्ण है। गतिविधि आधारित सीखने को प्रारंभिक अवस्था में जोर दिया जाना है, जबकि 9 वीं से 12 वीं तक शिक्षित होने के लिए विस्तृत, प्रासंगिक और नए ज्ञान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो बच्चों में वैज्ञानिक सोच पैदा करेगा। जावड़ेकर ने कहा कि अनुसंधान और नवाचार वे प्रमुख घटक हैं जो विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी नागरिक बनाने में हमें सक्षम करेंगे। उन्होंने कहा कि 3,000‘अटल टिंकरिंग लैब्स’ अनुसंधान आधारित नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए सफलतापूर्वक चल रहे हैं जो आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए जरूरी है।जावड़ेकर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति व्यापक परामर्श के बाद तैयार की गई।उन्होंने कहा कि 13-14 विषय विशेषज्ञों ने डॉ. के. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में बहुत ईमानदारी और उत्साह के साथ काम किया है।
Created On :   5 Sept 2020 6:31 PM IST