सड़ी सुपारी स्मगलिंग प्रकरण:   दो साल से जांच लटकाई, सीबीआई व डीआरआई को फटकार

Rotten Betel Smuggling Case: Detection hanged for two years, CBI and DRI rebuked
सड़ी सुपारी स्मगलिंग प्रकरण:   दो साल से जांच लटकाई, सीबीआई व डीआरआई को फटकार
सड़ी सुपारी स्मगलिंग प्रकरण:   दो साल से जांच लटकाई, सीबीआई व डीआरआई को फटकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बहुचर्चित सड़ी सुपारी स्मगलिंग प्रकरण में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) को आरोपियों पर आपराधिक मामले दर्ज करके जांच आगे बढ़ाने के आदेश दिए हैं। 10 अक्टूबर 2018 को हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच सौंपी थी। तब से लेकर अब तक सीबीआई ने कोई मामला दर्ज नहीं किया। कोर्ट में सीबीआई की दलील थी कि उन्हें जांच सौंपने का विरोध करती डीआरआई (डायरोक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) की अर्जी कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण सीबीआई ने मामले की जांच आगे नहीं बढ़ाई। लेकिन हाईकोर्ट ने साफ कहा कि अर्जी विचाराधीन होने का अर्थ सीबीआई का जांच रोकना नहीं हो सकता। सीबीआई को जांच आगे बढ़ा कर आरोपियों पर मामला दर्ज करने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं। मामले मंे एड.आनंद परचुरे न्यायालयीन मित्र हैं। याचिकाकर्ता मेहबूब चिंथामणवाला की ओर से एड.रसपाल सिंह रेणु व सीबीआई की ओर से एड.मुग्धा चांदुरकर ने पक्ष रखा। 

डीआरआई की दलील : कार्रवाई देश भर में जारी, नागपुर में कुल चार मामले, जांच अंतिम चरण में।  
अदालत का निष्कर्ष : डीआरआई आखिर मामले का स्वतंत्र जांच क्यों करना चाहती है, समझ से परे। 

सीबीआई का पक्ष : कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण इस मामले की जांच आगे नहीं बढ़ाई गई।
कोर्ट का काउंटर :  अर्जी विचाराधीन होने का अर्थ सीबीआई का जांच रोकना नहीं हो सकता।  

डीआरआई की अर्जी खारिज 
10 अक्टूबर 2018 को हाईकोर्ट ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। डीआरआई को मामले से जुड़े दस्तावेज सीबीआई को देने को कहा गया था, लेकिन डीआरआई सीबीआई को जांच सौंपने का विरोध कर रही थी। हाईकोर्ट में अर्जी दायर करके डीआरआई ने हाईकोर्ट से विनती की थी कि मामले की जांच सीबीआई को न सौंप कर डीआरआई काे स्वतंत्र जांच करने दी जाए। डीआरआई की दलील थी कि अवैध सुपारी मामले में उनकी कार्रवाई देश भर में जारी है। नागपुर में कुल चार मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसे में यह कहना होगा कि अवैध सुपारी के इस प्रकरण में डीआरआई की जांच अपने अंतिम चरण में है। ऐसी स्थिति में सीबीआई को जांच सौंपना सही नहीं होगा। मामले की स्वतंत्र जांच डीआरआई को ही करने दी जाए, लेकिन हाईकोर्ट ने डीआरआई की इस अर्जी को खारिज कर दिया। कहा कि कोर्ट ने कभी भी डीआरआई को उनके कर्तव्य का पालन करने से नहीं रोका। लेकिन इस प्रकरण में डीआरआई स्वतंत्र जांच क्यों करना चाहती है, यह समझ से परे है। हाईकोर्ट ने डीआरआई की अर्जी खारिज कर दी।

यह है मामला : दरअसल इंडोनेशिया, मलेशिया व अन्य कुछ देशों से सड़ी हुई सुपारी भारत में लाई जाती है। 23 अगस्त 2017 को इतवारी रेलवे स्टेशन पर 23 बोगी सुपारी पकड़ी गई थी। लेकिन फिर भी मामले की जांच आगे नहीं बढ़ी, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।याचिकाकर्ता के अनुसार, सड़ी सुपारी का यह कारोबार न केवल अर्थव्यवस्था को चूना लगा रहा है, बल्कि कैंसर जैसे जानलेवा बीमारियों को भी यह न्योता है।


 
 

Created On :   26 Feb 2021 5:54 AM GMT

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