फिल्मी दुनिया की चमक दमक देख भागे हजारों बच्चों की घर वापसी करा चुकी है RPF

RPF manages to bring back thousands of children who fled homes in last five years
फिल्मी दुनिया की चमक दमक देख भागे हजारों बच्चों की घर वापसी करा चुकी है RPF
फिल्मी दुनिया की चमक दमक देख भागे हजारों बच्चों की घर वापसी करा चुकी है RPF

डिजिटल डेस्क, मुंबई। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) पिछले  पांच सालों में घर से भागे 1874 बच्चों को फिर इनके परिवारों से मिलाने में कामयाब रहा है। जबकि पिछले 12 महीनों में मुंबई के रेलवे स्टेशनों पर ऐसे 141 बच्चे मिले हैं जो छोटी-मोटी बातों से नाराज होकर या फिल्मी दुनिया की चमक दमक के चक्कर में घर से भागकर मुंबई पहुंच गए थे।

दरअसल देश की आर्थिक राजधानी मुंबई युवाओं के सपनों का भी शहर है। इसीलिए बॉलीवुड की चमक दमक और कुछ हासिल करने की चाह अक्सर युवाओं को इस शहर की ओर खींच लाती है। खासकर छोटी मोटी परेशानियों से दो चार होने के बाद कई बच्चे अक्सर मायानगरी का रुख करते हैं और यहां पहुंचने के बाद उन्हें वास्तविकता चुनौतियों का आभास होता है। 

आरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि घरों से भागकर आए बच्चों की पहचान के लिए आरपीएफ के जवानों को खास तौर पर प्रशिक्षित किया गया है। वे जब ऐसे बच्चों को देखते हैं जो रेलवे परिसर या प्लेटफॉर्म पर अकेले और परेशान दिखे तो उनके पास जाते हैं और उनके बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं।  बच्चों से बातचीत में इस बात की पुष्टि हो जाती है कि वे परिवार वालों को बताए बिना भागकर घर से आए हैं तो बच्चों को समझा बुझाकर उन्हें फिर घरवालों से मिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

 बच्चों की भावनाएं और परेशानियां समझकर उनकी काउंसलिंग की जाती है। अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक आरपीएफ जवान मुंबई के मध्य रेलवे के प्लेटफॉर्म पर भटक रहे  92 लड़कों और 49 लड़कियों की पहचान कर चुका है। इसके बाद चाइल्ड लाइन जैसी गैर सरकारी संस्थाओं की मदद से बच्चों को उनके घर पहुंचाया गया। अप्रैल 2016 से मार्च 2021 तक मध्य रेल के मुंबई विभाग में घर से भागे 1874 बच्चों की पहचान कर उनके परिवारों से मिलाया जा चुका है।

बॉलीवुड का सपना
जो बच्चे मुंबई में आते हैं जिनमें से बड़ी संख्या में ऐसे होते हैं जो या तो बॉलीवुड में काम करना चाहते हैं या फिल्मी सितारों के फैन होते हैं और उनकी एक झलक देखाना चाहते हैं। इन बच्चों को मुंबई पहुंचने के बाद पता चलता है कि इन सितारों की झलक पाना इतना आसान नहीं होता। फिल्मी दुनिया में काम पाना तो और भी मुश्किल है।

माता-पिता की डांट से भी घर छोड़ देते हैं बच्चे
सायन रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ कांस्टेबल एसएन शिंदे ने पिछले साल 30 दिसंबर को प्लेटफॉर्म पर एक लड़़की को रात साढ़े 12 बजे अकेले घूमते देखा। परेशान लग रही लड़की को वे इंस्पेक्टर सुंदर सिंह प्रजापति के पास ले गए। पूछताछ में लड़की ने बताया कि वह मुंबई के ही नागपाड़ा इलाके की रहने वाली है।

किसी बात पर नाराज उसके माता-पिता ने उसे डांटा था जिसके बाद वह घर से भाग निकली। आरपीएफ ने बच्ची के माता-पिता से संपर्क किया तो वे भी उसकी तलाश में थे और काफी परेशान थे। बच्ची को सुरक्षित पाकर माता-पिती की खुशी का ठिकाना नहीं था।

Created On :   4 April 2021 8:46 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story