लोगों ने जब आग के हवाले कर दी बस, तब टूटी RTO की नींद

RTO canceled fitness of the bus after third accident in katni
लोगों ने जब आग के हवाले कर दी बस, तब टूटी RTO की नींद
लोगों ने जब आग के हवाले कर दी बस, तब टूटी RTO की नींद

डिजिटल डेस्क, कटनी। शनिवार को बहोरीबंद के समीप हुए बस एक्सीडेंट में परिवहन विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। एक बस के तीसरी बार दुर्घटनाग्रस्त होने  पर आक्रोशित लोगों ने जब बस को आग के हवाले कर दिया तब आरटीओ ने मंगलवार को चालक का लायसेंस और बस का फिटनेस निरस्त किया। बस संचालक पर पुलिस और परिवहन विभाग किस तरह मेहरबान था। इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि तीन एक्सीडेंट के बाद भी बस रोड पर दौड़ रही थी। उल्लेखनीय है कि शनिवार को बस क्रमांक एमपी 20 पीए 0347 के बहोरीबंद थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पटुरिया-पोंड़ी के बीच पलट गई थी। जिसमें आधा दर्जन यात्री घायल हो गए थे।

माह भर में तीसरा हादसा
गर्ग बस सर्विस की यह बस बहोरीबंद निवासी अजय गर्ग की बताई गई है। इसी बस की टक्कर से 7 अप्रेल को दो बाइक सवार घायल हो गए थे, जिनमें एक नरेन्द्र चौबे निवासी पोंड़ी अभी भी जबलपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि एक अन्य रामरतन दुबे कुछ दिन पहले ही डिस्चार्ज हुए हैं। दूसरी बार यही बस 23 अप्रेल को अनियंत्रित होकर नहर में घुस गई थी। तब 17 यात्री घायल हुए थे। उस समय भी बस में क्षमता से अधिक सवारियां भरी थीं। तब बहोरीबंद थाने में चालक के खिलाफ धारा 279, 337, 189 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया था। पहले हादसे के बाद भी चालक का लायसेंस और बस का फिटनेस निरस्त नहीं करने के संबंध में परिवहन निरीक्षक ने तर्क दिया कि वह उस दौरान अवकाश पर थे। शनिवार को जब दूसरी बार बस का एक्सीडेंट हुआ तब चालक संदीप का लायसेंस एवं बस का फिटनेस निरस्त करने की कार्रवाई की गई।

दस साल पुरानी है बस
बताया गया है कि एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार दुर्घटनाग्रस्त होने वाली बस एमपी 20 पीए 0347 दस साल पुरानी बताई गई है। दिसम्बर 2008 मॉडल की बस के दस साल में तीन ऑनर बदल गए। सबसे पहले यह बस नरेन्द्र गुप्ता के नाम पर थी। इसके बाद एक अन्य नरेन्द्र गुप्ता के नाम पर आई और वर्तमान में अजय गर्ग इसके ऑनर हैं। बताया गया है कि बिना किसी जांंच के बस को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी होते रहे हैं।

सुविधा शुल्क में जारी होते हैं फिटनेस सर्टिफिकेट
बताया जाता है कि परिवहन विभाग में बसों सहित अन्य वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट बिना किसी जांच की औपचारिकता के जारी होते हैं। जांच के नाम पर खानापूर्ति कर सुविधा शुल्क के आधार पर फिटनेस सर्टिफिकेट दे दिए जाते हैं। यही कारण है कि जिले भर में खटारा वाहन सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं।

बिना कार्यवाही लौटा अमला
बताया गया है कि परिवहन विभाग का अमला बसों की जांच के लिए बहोरीबंद पहुंचा था। यहां पर बस क्रमांक सीजी 10 जी 0712 पाई गई लेकिन उसके कागजातों की जांच करने की भी जरुरत नहीं समझी। जबकि आरटीओ के अमले की ओर स्थानीय लोगों ने ध्यान आकृष्ट कराया था। छत्तीसगढ़ पासिंग की इस बस का बहोरीबंद क्षेत्र के रूट में परमिट नहीं है। लेकिन इसका संचालन किया जा रहा है।

इनका कहना है
परिवहन विभाग को बसों और अन्य वाहनों की जांच के निर्देश दिए हैं। सोमवार को रीठी-बहोरीबंद रूट पर वाहनों की जांच भी की है। आरटीओ को यह भी निर्देश दिए हैं कि जांच कार्यवाही नियमित रूप से की जाए।
-के.व्ही.एस.चौधरी, कलेक्टर

 

Created On :   1 May 2018 9:13 AM GMT

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