कैडर विलय को लेकर मचा घमासान, सोशल मीडिया पर भड़ास निकाल रहे अधिकारी

Ruckus over cadre merger, officials taking out rage on social media
कैडर विलय को लेकर मचा घमासान, सोशल मीडिया पर भड़ास निकाल रहे अधिकारी
कैडर विलय को लेकर मचा घमासान, सोशल मीडिया पर भड़ास निकाल रहे अधिकारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार ने रेलवे में लोक सेवा और अभियांत्रिकी विभाग से आने वाले अधिकारियों के कैडर को विलय करने का प्रस्ताव लाया है। इसको लेकर देश भर के अलावा नागपुर में भी घमासान मचा हुआ है। लोक सेवा के अधिकारियों में मामले को लेकर भारी गुस्सा है जो विभिन्न पत्राचारों, सोशल मीडिया और ट्विटर पर देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं, कैडर विलय के विरोध में रेलवे सिविल सर्विस ऑफिसर एसोसिएशन (आरसीएसओए), नागपुर ने आपत्ति दर्ज करवाई है।

यह है मामला
 केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे के 8 विभागों को विलय करने का निर्णय लिया है। इन विभाग में लोक सेवा से आने वाले 3 विभाग इंडियन रेलवे अकाउंट सर्विस (आईआरएएस), इंडियन रेलवे पर्सनल सर्विस (आईआरपीएस) और इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस (आईआरटीएस) शामिल है। अभियांत्रिकी से आने वाले 5 विभागों में सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिग्नल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और स्टोर ऑफिसर का विभाग शामिल है। इन सभी विभागों को एक साथ विलय कर लोक सेवा से आने वाले अधिकारियों को इंजीनियरिंग का कोई भी  िवभाग मिल सकता है, जबकि इंजीनियरिंग से आने वाले अधिकारियों को लोक सेवा वाले अधिकारियों का अकाउंट, पर्सनल और ट्रैफिक वाला कोई भी विभाग मिल सकता है।

यह बनेगी स्थिति
कैडर विलय होने से दोनों कैडर के लोगों के लिए समस्या खड़ी होने वाली है। वह इसलिए है कि जिस व्यक्ति को सिविल इंजीनियरिंग के बारे में किसी प्रकार की जानकारी नहीं है, यदि वह कुछ निर्माण करेगा या उसकी जांच करेगा तो तकनीकी तौर कई सारी बातें उसकी समझ से बाहर होंगी। ऐसी ही स्थिति इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिग्नल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और स्टोर अॉफिसर विभाग के साथ होने वाली है।

इसलिए हो रहा है विराेध
आरसीएसओए के अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय सही नहीं है। लोक सेवा से आने वाले व्यक्ति को यदि इंजीनियरिंग का काम दिया जाएगा तो वह एक तरह से हमारा पदावनति (डिमोशन) है। इसके साथ यह भी समस्या है कि हमें उस विषय की जानकारी भी नहीं है, क्योंकि हमारी दूसरे विषय में विशेषज्ञता है, ऐसे समय में कैडर विलय करना सही नहीं है। वहीं, दूसरी ओर नौकरी को ज्वाइन करते समय हमने इंजीनियरिंग को नहीं चुना था।

Created On :   17 Feb 2020 7:43 AM GMT

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