सफेलकर गिरोह का सदस्य शातिर अपराधी सीनू अन्ना पकड़ाया

Safelkar gang member caught vicious criminal Seenu Anna
सफेलकर गिरोह का सदस्य शातिर अपराधी सीनू अन्ना पकड़ाया
सफेलकर गिरोह का सदस्य शातिर अपराधी सीनू अन्ना पकड़ाया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कुख्यात बदमाश रंजीत सफेलकर के गिरोह का शातिर अपराधी सीनू अन्ना उर्फ श्रीनिवास अजेय विनयवार (47), कन्हान कांद्री निवासी को अपराध शाखा पुलिस ने  गिरफ्तार किया। सफेलकर गिरोह के खिलाफ पुलिस ने दो अलग-अलग मकोका की कार्रवाई की है।

श्रीवास हत्याकांड में अब तक छठवीं गिरफ्तारी
अभी तक पुलिस ने मनीष श्रीवास हत्याकांड में सफेलकर सहित उसके गिरोह के शरद उर्फ कालू नारायण हाटे, भरत नारायण हाटे, हेमलाल उर्फ हेमंत लालबहादुर गोरखा, विशाल उर्फ इशाक नंदू मस्ते और विनयकुमार उर्फ गोलू द्वारकाप्रसाद बाथव को गिरफ्तार कर चुकी है। सीनू अन्ना इस हत्याकांड में फरार था। अब यह भी गिरफ्तार हो गया है। सीनू को पुलिस ने न्यायालय के समक्ष पेश किया। न्यायालय ने उसे 6 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

सीनू अन्ना सबसे भरोसेमंद साथी था
यह रंजीत सफेलकर का सबसे भरोसेमंद साथी था। इसकी गिरफ्तार से रंजीत के और कई काले कारनामे उजागर होने की उम्मीद अपराध शाखा पुलिस के उपायुक्त गजानन राजमाने ने जताई है। रंजीत सफेलकर के खिलाफ कलमना थाने में दर्ज 50 लाख की हफ्ता वसूली में अपराध शाखा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उससे इस मामले में पूछताछ की जा रही है।

पहली बार रंजीत ने की थी कारिया की हत्या
सूत्रों से पता चला है कि, कामठी के खलासी लाइन में रहने वाले अनिल कारिया नामक युवक की हत्या रंजीत सफेलकर ने साथियों के साथ मिलकर की थी। कारिया का कामठी में काफी दबदबा बढ़ने लगा था। रंजीत ने जब कारिया की हत्या की, तो उसका सिक्का कामठी में चलने लगा था। सूत्रों की मानें तो करीब 10 वर्ष पहले ग्रामीण पुलिस मुख्यालय रोड पर कामठी थाने के डीबी स्क्वॉड में कार्यरत एक पुलिस कर्मचारी को स्कार्पियो ने कुचल दिया था। उस समय चर्चा जोरों पर थी कि, वह स्कार्पियो कामठी क्षेत्र की थी। उस दौरान भी रंजीत का नाम चर्चा में आया था। अगर, जरीपटका थाने में दर्ज इस पुलिस कर्मचारी की फाइल को खंगाला जाए, तो पता चलेगा कि, उस स्कार्पियो का मालिक कौन था।  

रंजीत हिस्सेदार होने का तथ्य छिपाया
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने इस तथ्य को छिपाया कि इस संपत्ति में कुख्यात रंजीत सफलेकर हिस्सेदार है।  उसके खिलाफ कई गंभीर अपराध दायर होने और धोखे से संपत्ति हड़पने के आरोप के कारण यह कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, याचिकाकर्ता ने इस पर सफाई दी कि, निर्माणकार्य गिराने वाली टीम मौके पर उपस्थित होने के कारण समय का अभाव था, इसी वजह से कोर्ट में विस्तृत जानकारी न देते हुए सिर्फ निर्माणकार्य गिराने की कार्रवाई को चुनौती दी गई, लेकिन हाईकोर्ट ने इस दलील को सिरे से खारिज कर दिया। 

निर्माणकार्य अवैध होने की पुष्टि हुई
इसके अलावा उक्त निर्माणकार्य के अवैध होने की पुष्टि भी हाईकोर्ट में हो गई।  ऐसे में हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। मामले में एनएमआरडीए की ओर से एड. गिरीश कुंटे ने पक्ष रखा।
 

Created On :   30 April 2021 1:11 PM IST

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