प्राइवेट और सरकारी स्कूलों का होगा सेफ्टी ऑडिट

safety audit will have in Private and government schools
प्राइवेट और सरकारी स्कूलों का होगा सेफ्टी ऑडिट
प्राइवेट और सरकारी स्कूलों का होगा सेफ्टी ऑडिट

डिजिटल डेस्क, कटनी। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों का सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए गए हैं। जिसमें राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की गाइड लाइन के अनुसार 164 प्वाइंट की जानकारी जुटाना होगी। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ.अशोक कुमार भार्गव ने सभी डीईओ को पत्र लिखकर स्कूलों का सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि यदि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की गाइड लाइन के अनुसार सेफ्टी ऑडिट होता है तो उसमें जिले के 90 प्रतिशत स्कूल फेल हो जाएंगे।

यह हैं सचिव के निर्देश
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा स्कूली बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से एक मैनुअल ऑन सेफ्टी एंड सेक्युरिटी ऑफ चिल्ड्रन इन स्कूल तैयार किया गया है। यह मैनुअल आयोग की बेवसाइट पर उपलब्ध है। मैनुअल में दिए गए दिशा निर्देशों के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा की व्यवस्था हो। इसके लिए एक चैकलिस्ट तैयार की गई है। आयोग की चैकलिस्ट के माध्यम से स्कूल की सेफ्टी ऑडिट करें और ऑडिट के आधार पर परिस्थितियों से निपटने की समुचित तैयारी करें।

इन बिन्दुओं पर होगा ऑडिट-
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेक लिस्ट में 164 प्वाईंट हैं। जिनमें स्कूल भवन का निर्माण नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया 2005 के अनुसार होना चाहिए। स्कूल का मेंटेनेंस आरटीई कानून के सेेक्शन 19 के अनुसार हो। स्थानीय संस्था से छात्रों के अनुकूल सर्टिफाइड होना आवश्यक है। स्कूल के प्रवेश द्वार में रैम्प होना चाहिए और क्लासरूम, टॉयलेट, खेल मैदान, लायब्रेरी एवं ऑडीटोरियम हो। अग्नि दुर्घटना से निपटने के समुचित व्यवस्थाएं हों, इलेक्ट्रिक फिटिंग सुरक्षित हो। शाला परिसर में CCTV कैमरा हों। क्लासरूम के मुख्य दरवाजा के अलावा आपातकालीन दरवाजा हो। गल्र्स एवं बॉयज के अलग-अलग टॉयलेट हों। वाटर फिल्टर, प्यूरीफायर फंक्शन सिस्टम हो। 3 से 6 साल तक के बच्चों के लिए अलग टॉयलेट हों।

Created On :   29 May 2018 2:40 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story