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कहा - "विल फुल डिफॉल्टर' घोषित नहीं कर सकते

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि, बैंक यूं ही किसी भी कर्जधारक को "विल फुल डिफॉल्टर" घोषित नहीं कर सकते। इसके लिए रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा उल्लेखित पूरी प्रक्रिया का पालन होना जरूरी है। इसी निरीक्षण के साथ हाईकोर्ट ने अमरावती के बैंक ऑफ महाराष्ट्र के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसके तहत बैंक ने गुणवंत सुदामराव देवपारे और उनकी पत्नी स्वाति देवपारे को "विल फुल डिफॉल्टर" घोषित किया था।
दरअसल, याचिकाकर्ता ने बैंक से कुछ कर्ज लिया था। बैंक ने यह कह कर उन्हें "विल फुल डिफॉल्टर" घोषित कर दिया कि, उन्होंने अपने कर्ज का भुगतान नहीं किया। ऐसे में याचिकाकर्ता ने मामले में हाईकोर्ट की शरण ली। उनकी ओर से अधिवक्ता मसूद शरीफ और आदिल मिर्जा ने दलील दी कि, बैंक द्वारा किसी कर्जधारक को "विल फुल डिफॉल्टर" घोषित करने के पूर्व आरबीआई की विस्तृत प्रक्रिया का पालन जरूरी है। कर्जदार की पृष्ठभूमि कैसी है, यह देखा जाता है। उन्होंने इस प्रक्रिया काे भी विस्तार से बताया। एक विशेष समिति की नियुक्ति, कर्जदार को कारण बताओ नोटिस जारी करने जैसे विविध पहलू समझाए। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र का फैसला रद्द किया। हां, आरबीआई की प्रक्रिया का पालन करके मामले में पुनर्विचार करने की छूट दी है।
Created On :   25 Sept 2021 2:35 PM IST