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जनहित में लगाए हैं समीर वानखेडे पर आरोप

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने बांबे हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर दावा किया है कि नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के अधिकारी समीर वानखेडे के पिता ज्ञानदेव ने अपने बेटे की अवैध करतूतों पर पर्दा डालने का प्रयास करते हुए मानहानि का दावा दायर किया है। यह दावा मुझे (मलिक) संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मिली अभिव्यक्ति की आजादी में कटौती करने के लिए किया गया है। यह नियमों के विपरीत है। मैंने जो कुछ किया है वह लोकसेवक होने के नाते जनहित में किया है। क्योंकि ज्ञानदेव का बेटा भी एक लोकसेवक हैं। इसलिए मैने लोकहित में उसकी अवैध गतिविधियों का पर्दाफाश किया। इस लिए मेरे खिलाफ दायर किए गए दावे को खारिज कर दिया जाए। इस मामले से जुड़े दावे पर बुधवार को सुनवाई होनी है।
दरअसल एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेडे के पिता ज्ञानदेव ने मलिक के खिलाफ हाईकोर्ट में मानहानि का दावा दायर किया है। जिसमें ज्ञानदेव ने कहा है कि मंत्री मलिक के बयानों से उनके पूरे परिवार की मानहानि हुई है। इसलिए उन्हें सवा करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाए और मलिक को मीडिया में बोलने से रोका जाए। हाईकोर्ट ने सोमवार को ज्ञानदेव के दावे पर सुनवाई करते हुए मलिक को जवाब देने का निर्देश दिया था। इसके तहत मलिक ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में मलिक ने कहा है कि उन्होंने वानखेडे परिवार को लेकर जो दावा किया है उसके समर्थन में कई दस्तावेजी सबूत पेश किए हैं। मेरे सबूत स्वीकार करने लायक हैं कि नहीं यह मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही साबित हो पाएगा।
मलिक ने हलफनामे में कहा है कि ज्ञानदेव ने उन पर मानहानिपूर्ण व अशोभनीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। लेकिन यह कैसे अशोभनीय व मानहानिपूर्ण है। इसको लेकर कोई दस्तावेजी प्रमाणपत्र नहीं पेश किया गया है। जहां तक बात मेरे (मलिक) द्वारा एनसीबी अधिकारी समीर वानखेडे के जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर उनके मुस्लिम होने के दावे की है तो इस मामले की जांच हो रही है। जो जन्म प्रमाणपत्र मैंने (मलिक) पेश किया है वह मुंबई महानगरपालिका ने जारी किया है। जिसमें समीर का नाम समीर दाउद वानखेडे लिखा हुआ है और जाति मुस्लिम बताई गई है। इसलिए यदि जन्मप्रमाणपत्र में गलती है तो समीर वानखेडे इस मामले को लेकर मनपा के पास जाए और प्रमाणपत्र में सुधार के लिए कदम उठाए। यदि यह जन्मप्रमाणपत्र गलत है तो ज्ञानदेव को अपने बेटे का सही जन्म प्रमाण पत्र पेश करना चाहिए। लेकिन अब तक ज्ञानदेव ने ऐसा कोई जन्म प्रमाण पत्र नहीं पेश किया है। इसके अलावा ज्ञानदेव के बच्चे वयस्क हैं। इसलिए वे उनके प्रतिनिधि के रुप में दावा दायर नहीं कर सकते है।
Created On :   9 Nov 2021 7:45 PM IST