संगीता बनी चेरीहिल की पहली इंडियन टाउन काउंसलर , जबलपूर से है खास रिश्ता

Sangeeta Doshi, has a relation with Jabalpur, now town councilor of Cheryhill
संगीता बनी चेरीहिल की पहली इंडियन टाउन काउंसलर , जबलपूर से है खास रिश्ता
संगीता बनी चेरीहिल की पहली इंडियन टाउन काउंसलर , जबलपूर से है खास रिश्ता

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। अमेरिका के न्यू जर्सी स्टेट का साउथजर्सी इलाका। यूँ तो यहाँ के बारे में कई खास बातें हैं, लेकिन उनमें एक ऐसी है, जो शहर के साथ ही हर भारतीय का सिर फख्र से ऊँचा करने के लिए काफी है। जबलपुर से रिश्ता रखने वाली संगीता डोशी यहाँ के चेरीहिल की टाउन काउंसलर हैं। खास बात यह है कि इस पद पर पहुँचने वाली साउथजर्सी की पहली इंडियन इलेक्टेड ऑफीसर हैं। उन्होंने पिछले वर्ष डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी की ओर से इस पद के लिए चुनाव लड़ा और जीता। वह न्यूजर्सी में एथिक्स बोर्ड कमेटी की मेंबर भी हैं। संगीता पिता के साथ शहर आई हुई हैं और दैनिक भास्कर कार्यालय पहुँचीं। उन्होंने कहा कि 9/11 के हादसे के बाद इंडियन्स के साथ भेदभाव शुरू हो गया। यूएसए में बड़ी संख्या में इंडियन्स हैं और कई जगह अपने अधिकारों लिए संघर्ष भी करते हैं। संघर्ष की बड़ी वजह उनका आगे आकर अपनी बात न रखना है। अगर अपनी बात सुनानी है, तो लीड करनी होगी, हर जगह पार्टिसिपेट करना होगा, मैंने यही किया है। सिटी भास्कर से विशेष बातचीत में उन्होंने एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर से पॉलिटीशियन बनने की स्टोरी और अपने काम के बारे में कई बातें साझा कीं।

क्यों बनीं पॉलिटीशियन
संगीता ने बताया कि वे इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में कार्य कर रही थीं। रिपब्लिकन पार्टी की सरकार और डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी ऐसे चेहरे तलाश रही थी, जो ट्रम्प से नाखुश थे। संगीता वहाँ डायवर्सिटी को रिप्रजेंट करती हैं, यानी भारतीय मूल की हैं और अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करती हैं। ऐसे में ड्रेमोक्रेटिक पार्टी ने उन्हें चुना। परिवार वालों से पूछा कि क्या वे संगीता को सपोर्ट करेंगे। जवाब हाँ में मिला और इस तरह संगीता ने पहले पार्टी के भीतर ही प्रत्याशी बनने की उम्मीदवारी हासिल की और फिर प्रत्याशी बनकर जीतीं भी।

क्या होता है टाउन काउंसलर?  टाउन काउंसलर की तुलना अगर हमारे शहर से करें, तो इसे पार्षद की तरह माना जा सकता है। बड़ा फर्क यह है कि एक शहर में 6-7 टाउन काउंसलर ही होते हैं। संगीता 78 हजार लोगों को लीड करती हैं, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय हैं। वह इस पद पर चार वर्षों के लिए चुनी गई हैं। वहीं एथिक्स कमेटी के मेंबर के रूप में वह जनहित और भ्रष्टाचार से संबंधी शिकायतों का निराकरण भी करती हैं। यह पद एक तरह से लोकपाल की तरह है।

डोमेस्टिक वायलेंस पर फोकस किया
बतौर टाउन काउंसलर संगीता क्या कर रही हैं, के जवाब में वह कहती हैं कि वहाँ डोमेस्टिक वायलेंस बहुत ज्यादा है, ऐसे में हमने इस पर फोकस किया, लोगों की काउंसलिंग की। वहीं सीनियर सिटीजन्स के लिए खास योजनाएँ लाए। इंडियन्स में क्रिकेट की लोकप्रियता देखते हुए क्रिकेट फील्ड भी बनवाई।

बच्चों को शहर का कल्चर दिखाने आईं
संगीता मेडिकल कॉलेज के पहले एमडी डॉ. चौधरी बीएस पटेल की पुत्री हैं और अपने पिता के साथ वर्तमान में अमेरिका में रहती हैं। उनके साथ आए पिता डॉ. पटेल ने बताया कि संगीता का जन्म शहर के एल्गिन हॉस्पिटल में सन् 1966 में हुआ। जब संगीता 2 वर्ष की थीं, तब वह अमेरिका शिफ्ट हो गए। शहर के पेन फिजीशियन डॉ. संजय खन्ना, संगीता के मामा हैं। संगीता के साथ उनके बच्चे भी आए हैं, ताकि यहाँ के कल्चर से रू-ब-रू हो सकें।

 

Created On :   3 Jan 2019 1:34 PM IST

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