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संघ ने तैयार की जरुरतमंदों की सूची, हर दिन बदल रही सहायता नीति

डिजिटल डेस्क,नागपुर। कोरोना संकट में लोगों को सहायता के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने व्यापक सहायता श्रंखला तैयार की है। शहर में जरुरतमंदों की सूची तैयारी की है। करीब 320 बस्तियां चिन्हित की गई है। जरुरतमंदों की सूची के आधार पर स्वयंसेवकों को जिम्मेदारी दी गई है। खास बात यह है कि संघ का सहायता कार्य किसी एक तरीके पर निर्भर नहीं है। लगभग हर दिन योजना बनती है। कार्यक्षेत्र से मिल रही रिपोर्ट व सूचना के आधार पर सहायता कार्य किया जा रहा है। ई मीटिंग के माध्यम से सेवाकार्य की सूचना साझा की जा रही है। बुधवार को ही सेंट्रलाइज सहायता केंद्र शुरु किया गया है। शहर में अनाज व अन्य मदद के लिए संघ के इस केंद्र में वरिष्ठ पदाधिकारी रहेंगे।
भोजन की सुविधा
संघ की संगठनात्मक रचना के अनुसार शहर में उसके 12 भाग है। उसमें 36 नगर आते हैँ। नगर स्तर पर संघ के पदाधिकारी,कार्यकर्ता के अलावा सेवाभावी युवाओं की सहायता से सहायता कार्य चलाया जा रहा है। आरंभ में आवश्यकतानुसार भोजन पैकेट वितरित किया गया। अलग अलग क्षेत्र में भोजन बनाने की व्यवस्था की गई। अब खाद्य सामग्री दी जा रही है। संघ के सहायता पैकेट में आलू प्याज, तेल , नमक ,मिर्च सहित 13 सामग्री है। सरकार की ओर से जारी सहायता पैकेट को देखते हुए संघ ने अपने पैकेट में बदलाव किया है। अनाज के बजाय सेनेटाइज व साफ सफाई की चीजें भी दी जा रही है। बच्छराज व्यास स्कूल राजाबाक्षा में सहायता केंद्र में अब शहर के हर भाग से 25 पदाधिकारी रहेंगे। सहायता आपूर्ति के साथ ही मानिटरिंग करेंगे। उत्तर व दक्षिण नागपुर में सबसे अधिक सहायता की दरकार है। लालगंज, बिनाकी, गिट्टीखदान, जानकीनगर, उदयनगर जैसे क्षेत्र में सबसे अधिक सहायता की मांग है।
सजगता अभिया
संघ की ओर से सजगता अभियान पर सबसे अधिक ध्यान दिया जा रहा है। कोरोना की आशंका के निवारण के लिए चिकित्सकों के नाम व फोन नंबर की सूची नगर स्तर पर जारी की जा रही है। चिकित्सा हेल्पलाइन भी जारी की गई। किराणा व राशन दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराने के लिए स्वयंसेवकों ने दुकानों के सामने खड़े रहने के लिए लाइन खींची है। शहर में ऐसे भी कई बुजुर्ग हैं जो अपने घरों में अकेले हैं। उनकी सहायता के लिए यूथ फार सेवा काम कर रही है। सेवा भारती के कार्यकर्ता भी काम कर रहे है। बुजुर्ग की मांग के अनुरुप सामान खरीदकर पहुंचाने की सुविधा दी जा रही है। शहर के आसपास सबसे पिछड़ी हुई बस्ती, घुमंतू परिवार, रिक्षा चालक , पिछड़ी हुई आदिवासी बस्ती में मदद की जा रही है।
जैसी मांग वैसी सेवा
जरुरतमंदों की समस्या व मांग के अनुसार सहायता दी जा रही है। स्वयंसेवकों के प्रत्यक्ष अनुभव के आधार पर समाज के सहयोग से जरुरतमंदों तक पहुंचा जा रहा है। सेवाकार्य में सबसे अधिक योगदान समाज का ही है ।
-राजेश लोया, महानगर संघचालक
Created On :   2 April 2020 6:56 PM IST