संघ का राष्ट्रीय मुस्लिम मंच करेगा अब मुस्लिम समाज को जागरूक

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
संघ का राष्ट्रीय मुस्लिम मंच करेगा अब मुस्लिम समाज को जागरूक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NRC) के विरोध में देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन जारी है। हिंसा, आगजनी के चलते अनेक शहरों में शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की ओर से शहर के मुस्लिम समाज को सोमवार 30 दिसंबर से जागरूक किया जाएगा। इस दौरान CAA और NRC के भ्रम को दूर किया जाएगा।

CAA और NRC के विरोध का नुकसान भले ही शहर को नहीं सहना पड़ा हो, लेकिन विरोध में अधिवेशन के दौरान एक बड़ी रैली का आयोजन किया गया था। शांति, सद्भाव और आपसी भाईचारा बना रहे, इसके लिए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच पूरे देश में जन-जागरूकता कर रहा है। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का कहना है कि नागरिकता बिल पर कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी राजनीति कर रही है। मुस्लिम भाई को किसी की बातों में आकर डरने की आवश्यकता नहीं है। यह देश जितना हिन्दू भाई का है, उतना ही मुस्लिम भाई का है। जबर्दस्ती का भय पैदा करने का काम देश में किया जा रहा है।

ऐसे करेंगे जागरूक
स्कूल और कॉलेज में CAA और NRC का महत्व और मूल रूप को बताया जाएगा। वह क्या है और क्यों लागू किया, इसकी जानकारी दी जाएगी। इससे प्रभावित लोगों के बारे में बताया जाएगा। साथ ही मस्जिद में भी जागरूकता की जाएगी। मुस्लिम समाज और बुद्धिजीवियों के साथ बैठक कर उन्हे विषयवार विस्तृत जानकारी दी जाएगी। तय फार्मेट में पर्चे बांटे जाएंगे।

समाज को समझाएंगे 
प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली के बीच में अनुबंध हुआ था कि दोनों देशों के अल्पसंख्यकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी, लेकिन पाकिस्तान में हिन्दू सहित अन्य अल्पसंख्यक 22 फीसदी से 3 हो गए, क्योंकि उनके साथ वहां बुरा बर्ताव हुआ। मैं सोमवार से शहर में स्कूल, कॉलेज और समाज के बुद्धिजीवियों को विषय समझाऊंगा।
- फारुख शेख, संयोजक, महाराष्ट्र, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच

राहत भरा कानून
हम मुस्लिम समाज को समझाएंगे कि प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को लाने का यह राहत भरा कानून है। पाकिस्तान के हिन्दू सहित अन्य धर्म के अल्पंसख्यक 22 से 3 फीसदी हो गए, जबकि भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यक 6 से 14 फीसदी हो गए हैं। यह भारत के मुस्लिमों की नागरिकता छीनने का विषय नहीं है। उत्तर प्रदेश और बिहार के मुस्लिम आज भी पाकिस्तान में बिना नागरिकता के लड़ रहे हैं। देशव्यापी आंदोलन 23 से आरंभ हुआ है, जिसके तहत सबको समझाया जा रहा है।
- विराग पाचपोर, राष्ट्रीय सहसंयोजक, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच

Created On :   29 Dec 2019 3:46 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story