जजों की अवमानना प्रकरण में घिरे अधिवक्ता सतीश उके की माफी अर्जी हाईकोर्ट ने ठुकराई

Satish uke apologized for defamation of judges case rejected by High Court
जजों की अवमानना प्रकरण में घिरे अधिवक्ता सतीश उके की माफी अर्जी हाईकोर्ट ने ठुकराई
जजों की अवमानना प्रकरण में घिरे अधिवक्ता सतीश उके की माफी अर्जी हाईकोर्ट ने ठुकराई

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने  जजों की अवमानना करने के मामले में घिरे अधिवक्ता सतीश उके की माफी अर्जी ठुकरा दी है। अधिवक्ता सतीश उके ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद हाईकोर्ट में यह माफी नामा प्रस्तुत किया था। मामले में सोमवार को हुई सुनवाई में नागपुर खंडपीठ ने उके की पृष्ठभूमि को देखते हुए इस अर्जी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। उके पर बीते दिनों दायर एक आपराधिक मामले की जांच अभी जारी है, साथ ही उके ने कोर्ट में कुछ जजों को उनके मामलों पर सुनवाई नहीं करने की अर्जी दायर कर रखी है। इसी तरह उन्होंने सूचना के अधिकार में सरकारी अधिवक्ता केतकी जोशी से जुड़ी जानकारी भी मांगी थी। उल्लेखनीय है कि उके को जजों की अवमानना के मामले में नागपुर खंडपीठ ने दोषी मानकर दो माह की जेल और जुर्माना भरने की सज़ा सुनाई थी। जिसके खिलाफ उके ने सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली थी। सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें पहले नागपुर खंडपीठ के समक्ष माफी मांगने को कहा था। 

ऐसे शुरू हुआ विवाद

राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ अधिवक्ता उके ने एक याचिका दायर की थी। इसी मामले की सुनवाई के दौरान उके ने न्यायमूर्ति आर. के. देशपांडे पर गंभीर आरोप लगाए थे। ऐसे में न्यायालय ने अधिवक्ता के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई के आदेश जारी किए थे। पहली अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता के रवैये से नाराज़ हाईकोर्ट ने एक और नई अवमानना याचिका दायर कर नोटिस जारी किया। बतौर सुरक्षा राशि अधिवक्ता को 2 लाख रुपए न्यायालय  जमा करने के आदेश भी दिए थे। मामला यहां तक बढ़ गया था कि अधिवक्ता द्वारा सीटिंग जजों पर आरोप लगाने की प्रवृत्ति को देखते हुए न्यायमूर्ति प्रसन्न वराले और न्यायमूर्ति हक की खंडपीठ ने अवमानना मामले की सुनवाई वीडियो रिकार्डिंग में पूरी की थी। 

Created On :   29 Jan 2019 9:40 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story