‘शकुंतला’ को बचाने अंजनगांव में हुआ सत्याग्रह 

Satyagraha in Anjangaon to save Shakuntala
‘शकुंतला’ को बचाने अंजनगांव में हुआ सत्याग्रह 
जनआंदोलन ‘शकुंतला’ को बचाने अंजनगांव में हुआ सत्याग्रह 

डिजिटल डेस्क, अंजनगांव सुर्जी ( अमरावती)।  अंजनगांव सुर्जी में शकुंतला ट्रेन शुरू करने की मांग को लेकर   जनआंदोलन किया गया।  शकुंतला ट्रेन को 109 वर्ष पूर्ण हो गए लेकिन नैरोगेज पर चलनेवाली यह ट्रेन भारत सरकार के अधीन है अथवा नहीं यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। यह ट्रेन ब्रिटिश सरकार के कब्जे में है और क्लिक निक्सन एंड कंपनी तथा सेंट्रल प्रोविसेंस रेलवे कंपनी (सीपीआरसी) के कब्जे में रहने से भारत सरकार द्वारा इस पर ध्यान देकर इस ट्रेन को अपने कब्जे में लेने और विदर्भ की शान रही शकुंतला ट्रेन शुरू करने की मांग को लेकर यह आंदोलन किया गया। इस आंदोलन में अनेक नागरिक शामिल हुए।

शकुंतला ट्रेन शुरू रहते विदर्भ का कपास मुंबई और वहां से मेंचेस्टर भेजने तथा मेलघाट का सागवान अंग्रेजों द्वारा अपने देश ले जाने के लिए और खुद के फायदे के लिए इस नैरोगेज रेलमार्ग का निर्माण कर शकुंतला ट्रेन शुरू की गई थी। जब तक यह ट्रेन शुरू थी तब तक दिव्यंाग सहित अनेक गरीब लोग गोली, बिस्किट बेंचकर रोजगार कमाते थे। शकुंतला ट्रेन में मूर्तिजापुर से अंजनगांव तक सफर करने के लिए केवल 12 रुपए किराया था। ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों के लिए कम किराए में चलनेवाली यह एक मात्र ट्रेन थी। लेकिन वर्ष 2014 से यह ट्रेन बंद हो गई है। 

वर्ष 2003 में 100 वर्ष का करारनामा भी समाप्त हो गया है। 25 दिसंबर 1903 को यह कारारनामा हुआ था। अनेक वर्ष तक शकुंतला ट्रेन वरहाड प्रांत की जीवनदायनी थी। भारत सरकार हर वर्ष 1 करोड 20 लाख रुपए रॉयल्टी ब्रिटीश कंपनी को देती थी। विदर्भ की शान रही इस शकुंतला ट्रेन को फिर से शुरू करने की मांग को लेकर समाजसेवक विजय विल्हेकर के नेतृत्व में बुधवार को यह आंदोलन किया गया। इस आंदोलन में भूतपूर्व नगराध्यक्ष एड. कमलकांत लाडोले, भुपेंद्र भेलांडे, नीता माेगरे, अरुण शेवाणे, प्रभाकर जवर्डीकर, माधव गावंडे, रवींद्र हंतोडकर, किसान संगठन के गजानन दुधाट,सतीश वानखडे, अविनाश पवार, मधुकर गुजर, रवींद्र बोडखे, राजेंद्र भुरेकार, सुभाष थोरात सहित अनेक लोग शामिल हुए थे। 
 


 

Created On :   28 Jan 2022 12:58 PM IST

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