स्कॉलरशिप घोटाला : हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

Scholarship scam hearing in nagpur Bench of Bombay High Court
स्कॉलरशिप घोटाला : हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार
स्कॉलरशिप घोटाला : हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

डिजिटल डेस्क,नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में  स्कालरशिप घोटाले पर केंद्रित जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। बीती सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शपथ-पत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। ऐसे में बुधवार को राज्य सरकार ने अपना शपथ-पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया। मगर इस शपथपत्र पर हाईकोर्ट ने न सिर्फ असंतुष्टि दिखाई बल्कि सुस्त रवैये के लिए फटकार भी लगाई। इस शपथ-पत्र में जांच की स्थिति, अब तक की गई कार्रवाई, रिकवरी राशि, मौजूदा विद्यार्थियों को जारी की गई स्कालरशिप  की जानकारी नहीं थी। कोर्ट ने प्रदेश मुख्य सचिव सुमित मलिक को एक बार फिर विस्तृत शपथ-पत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता दृष्टि बहुउद्देश्यीय संस्था ने कोर्ट में दावा किया है कि प्रकरण में गठित एसआईटी ने काम ठीक से नहीं किया है। स्कालरशिप की करोड़ों रुपए की वसूली बकाया है और दोषी पकड़ से बाहर है। यहां तक कि घोटालेबाज कॉलेजों से स्वयं राज्य सरकार के नुमाइंदे मिले हुए हैं। ऐसे में इस पूरे प्रकरण की सीआईडी द्वारा जांच होना जरूरी है। प्रकरण में एसआईटी को भी प्रतिवादी बनाने की मांग याचिकाकर्ता ने की है । 

जांच है अधूरी
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश स्तरीय छात्रवृत्ति घोटाले की लिए एसआईटी ने जांच शुरू तो की, मगर इसे पूरा नहीं किया। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, एसआईटी को 60 दिन में यह जांच पूरी करनी थी। मगर 18 माह बीत जाने पर भी एसआईटी ने महज 13 प्रतिशत संस्थाओं की जांच करके 2 हजार करोड़ रुपए की रिकवरी निकाली है। याचिकाकर्ता का दावा है कि अभी भी 87 प्रतिशत यानी 12 हजार 600 से अधिक संस्थाओं की जांच बाकी है। इनकी जांच होने पर 15 हजार रुपए से अधिक की रिकवरी निकल सकती है। 

अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप
संस्था की मूल जनहित याचिका में दावा किया गया था कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के रूप में जारी किए गए पैसे को कॉलेज प्रबंधन डकार रहे हैं। कई सरकारी अधिकारियों की भी इसमें लिप्तता है। याचिकाकर्ता की मांग पर कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।  हाईकोर्ट ने प्रदेश मुख्य सचिव को एक सप्ताह में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। अब फिर से कोर्ट ने मुख्य सचिव को शपथ-पत्र प्रस्तुत करने को कहा है। 

Created On :   22 Feb 2018 1:31 PM IST

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