अनफिट वाहनों में ढो रहे स्कूली बच्चे, 100 में से 25 बसें ही RTO में दर्ज

School children are carrying by unprotected vehicles in Katni mp
अनफिट वाहनों में ढो रहे स्कूली बच्चे, 100 में से 25 बसें ही RTO में दर्ज
अनफिट वाहनों में ढो रहे स्कूली बच्चे, 100 में से 25 बसें ही RTO में दर्ज

डिजिटल डेस्क, कटनी। इंदौर में हुए स्कूल बस हादसे ने मासूमों के साथ बरती जाने वाली लापरवाही की कलई खोल दी है। कटनी जिले में भी दर्जनों अनफिट स्कूली बसें दौड़ रही हैं। वैसे तो शहर में ही कई ऐसे स्कूल हैं जहां बसें लगी हैं लेकिन परिवहन कार्यालय में स्कूल वाहन के नाम पर मात्र 25 बसें ही दर्ज हैं। यहां बस मालिक व आपरेटर्स खुले आम नियमों का उल्लंघन कर अपनी जेबें भर रहे हैं।

एक महीने पहले बस स्टेंड स्थित सेक्रेड हार्ट स्कूल की बस स्टेयरिंग फेल होने से पेड़ में घुस गई थी। इस घटना में ज्यादा बच्चे तो घायल नहीं हुए थे लेकिन बच्चों की सुरक्षा जैसे पहलुओं पर जरूर सवालिया निशान अभिभावकों द्वारा उठाए गए थे। शहरी नागरिकों के अनुसार शहर के बड़े बैनर के स्कूल संचालकों द्वारा चलाई जा रही स्कूली बसों में भी नियमों का पालन पूरी तरह नहीं होता जबकि हर माह प्रत्येक स्टूडेंट्स के हिसाब से स्कूल प्रबंधन द्वारा बाकायदा मोटा शुल्क वसूला जाता है। अभिभावकों के अनुसार बच्चों के स्कूल जाने से लेकर लौटकर आने तक उनकी सुरक्षा की चिंता लगी रहती है।

बसों में नियमों का पालन नहीं, 3 बसों का ही फिटनेस सर्टिफिकेट

आरटीओ सूत्रों के मुताबिक नए वर्ष से सभी स्कूलों की बसों में नियमों के पालन सहित फिटनेस कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं। स्कूल प्रबंधन द्वारा अभी तक कुल 11 आवेदन ही कार्यालय में आए हैं जिनमें राजेंद्र प्रसाद शिक्षा समिति बस स्टेंड की 3 बसों की जांच के बाद फिटनेस सर्टिफिकेट दिया गया है। 5 आवेदन अभी कतार में हैं।  शहर में स्थित 5 स्कूलों के 25 वाहन स्कूल के नाम पर पंजीकृत हैं। परिहवन विभाग की मानें तो सभी को सूचना पत्र दिए गए हैं। इसके बाद 15 जनवरी से ऐसी सभी स्कूल बसें जिनमें निर्धारित निमयों का पालन नहीं पाया जाएगा, उनको जब्ती सहित नियमानुसार भारी भरकम जुर्माना भी संबंधित स्कूल प्रबंधन पर ठोंका जाएगा।

ये हैं नियम

  • परिवहन विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार स्कूल बसों में चालक, परिचालक की यूनिफार्म पर नेम प्लेट हर समय अनिवार्य है।
  • संबंधित पुलिस स्टेशन से इनका चरित्र प्रमाणपत्र भी जरूरी है।
  • इसी तरह बसों का सर्विस बुक अपडेट होनी चाहिए।
  • बसों की नियमित साफ सफाई, बस की साइड स्क्रीन पर परमिट नंबर, बीमा, फिटनेस वैद्यता तिथि सहित बसों में स्पीड गवर्नर लगा होना जरूरी है, जिससे चालक निर्धारित गति से ज्यादा तेज न भाग सकें।
  • स्कूल बसों में सीसीटीवी अनिवार्य रूप से लगा होना चाहिए, जिससे प्रबंधन स्कूल बस में बैठे बच्चों की सुरक्षा का अवलोकन कर सकें।
  • स्कूली बसों की स्क्रीन पर स्कूल प्रबंधन का नाम संपर्क नंबर, इमरजेंसी टोल फ्री नंबर, फायर सर्टिगयूजर फास्र्ट एक बाक्स के साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम, फायर ब्रिगेड एम्बुलेंस जैसे नंबर अवश्य अंकित होना जरूरी है।


शहर के अधिकांश स्कूली बसों में पूरे निर्धारित निमयों का पालन कितना हो रहा है यह बेहद ही आवश्यक जांच का विषय है। सभी स्कूली बसों में इमरजेंसी विंडो की स्थिति भी दुरूस्त होना बेहद जरूरी है। सवाल यह है कि इन नियमों का पालन कौन कराए?


अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एनडी मिश्रा ने कहा है कि परिवहन विभाग के नए नियमों के मुताबिक सभी स्कूली बसों की जांच की जाएगी। पूर्ण नियम पालन न करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

Created On :   6 Jan 2018 5:52 PM GMT

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