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निजी स्कूलों को मान्यता देने वाले शुल्क से वाहन खरीद सकेगा शिक्षा विभाग

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग अब निजी माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं को मान्यता और उसके नवीनीकरण के लिए ली जाने वाली फीस से वाहन भी खरीद सकेगा। इसके लिए मप्र माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1965 के तहत बने मप्र माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 में संशोधन किया गया है।
बता दें कि उक्त निजी स्कूलों को मान्यता देने के लिए राज्य सरकार 250 विद्यार्थियों के लिए हाईस्कूल से 25 हजार रुपए एवं हायर प्लस उच्चतर माध्यमिक स्कूल से 40 हजार रुपए, 251 से 500 विद्यार्थी के लिए 35 हजार रुपए एवं 50 हजार रुपए, 501 से 750 विद्यार्थी के लिए 50 हजार रुपए एवं 75 हजार रुपए तथा 751 से अधिक विद्यार्थी होने पर 75 हजार रुपए एवं एक लाख रुपए एकमुश्त मान्यता एवं नवीनीकरण के लिए सुरक्षा डिपाजट लेता है। इसके अलावा वह मान्यता शुल्क के रुप में हाईस्कूल से 20 हजार रुपए एवं हायर सेकेंडरी के लिए 25 हजार रुपए लेता है।
पहले नियमों में प्रावधान था कि मान्यता एवं नवीनीकरण से प्राप्त शुल्क का उपयोग स्कूल शिक्षा विभाग इन निजी विद्यालयों के निरीक्षण के लिए किराए पर लिए गए वाहनों के लिए कर सकेगा। लेकिन अब संशोधन कर प्रावधान कर दिया गया है कि निरीक्षण के लिए किराए के वाहन अथवा वाहन खरीदी में शुल्क का उपयोग हो सकेगा।
पहले नियमों में प्रावधान था कि मान्यता समिति का किसी निजी स्कूल को मान्यता/नवीनीकरण देने या न देने संबंधी विनिश्चय अंतिम तथा स्कूल पर बंधनकारी होगा लेकिन अब संशोधन कर इस प्रावधान को खत्म कर दिया गया है। अब मान्यता समिति के निर्णय के विरुध्द 30 दिन के अंदर मान्यता समिति के समक्ष रिव्यु पिटिशन दी जा सकेगी। लेकिन वर्तमान शैक्षणिक सत्र वर्ष 2018-19 में 45 दिन के अंदर मान्यता समिति के समक्ष रिव्यु पिटिशन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। रिव्यु पिटिशन में आया निर्णय अंतिम एवं बंधनकारी होगा।
इनका कहना है
‘‘राज्य सरकार ने निजी हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों की मान्यता संबंधी नियमों में संशोधन किया है। इसमें वाहन क्रय करने एवं रिव्यु पिटिशन का नया प्रावधान किया गया है।’’
- केके द्विवेदी उप सचिव स्कूल शिक्षा विभाग मप्र
Created On :   28 Aug 2018 2:27 PM IST