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6 बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार है स्कूल संचालक, नहीं सुनी थी शिकायत

डिजिटल डेस्क, सतना। जिले के सभापुर थाना इलाके के गुढ़वा मोड़ से कुछ ही फासले पर गुरुवार को हुए भीषण सडक़ हादसे में 6 स्कूली बच्चों सहित 7 लोगों की मौत का जिम्मेदार स्कूल संचालक को माना जा रहा है । शुरुआती जांच में ये तथ्य सामने आया है कि अगर लकी कानवेंट हायर सेकंडरी स्कूल के संचालक लक्ष्मीकांत श्रीवास्तव ने गंभीरता बरती होती तो ये हादसा नहीं होता। आरोप हैं कि हादसे के लिए जिम्मेदार बोलेरो के ड्राइवर की लापरवाही की शिकायतें कई बार ग्रामीण अभिभावकों ने स्कूल के संचालक से की थी लेकिन कभी कोई सुनवाई नहीं हुई। जबकि नियमों के तहत स्कूली बच्चों को लाने -जाने के लिए तय मानकों पर आधारित वैन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए था। मगर आरोप है कि जिस बोलेरो नंबर एमपी 19 बीबी 1047 से ये हादसा हुआ वो गाड़ी रवि श्रीवास्तव पिता बाघेश्वरी श्रीवास्तव की है। सतना कृष्णनगर (नगर निगम कालोनी के पीछे) निवासी गाड़ी मालिक, स्कूल संचालक का करीबी रिश्तेदार बताया गया है। जबकि बस एमपी 17 पी 0885 सांव रीवा के सुधीर शर्मा के नाम पर रजिस्टर्ड है। जो रीवा से सेमरिया -बिरसिंहुपर वाया चित्रकूट चलती थी।
सरहद पार पिता अभी अनजान है अपनी बेटी की मौत से
पगार कला के श्रीधर कुशवाहा अभी भी बेखबर हैं कि उनकी 14 साल की बेटी शिल्पी अब इस दुनिया में नहीं है। वो अभी भी इस बुरी खबर से अंजान हैं कि इसी हादसे की चपेट में आई उनकी 12 साल की छोटी बेटी खुशबू भी बिड़ला अस्पताल में जीवन और मौत से जूझ रही है। घर में मां और अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिजनों ने बताया कि श्रीधर कुशवाहा काम की तलाश में 8 साल पहले मलेशिया गए थे। तब से वो फिर वापस गांव नहीं आए। फोन पर प्राय: रोज बात होती थी लेकिन हादसे के बाद उनसे तमाम कोशिशों के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया। 75 वर्ष के दादा अपनी मासूम नातिन की पार्थिव देह को मुखाग्नि देंगे।
एक ही घर से उठीं बच्चों की 3 अर्थियां
सडक़ हादसे के बाद 2 गांवों देवरा और पगार कला में मातमी सन्नाटा पसर गया है। देवरा निवासी रामसुंदर द्विवेदी की दो मासूम बेटियां महक और पूर्वी ही नहीं,उनका 7 साल का भतीजा अभय भी नहीं रहा। पूरा गांव उस वक्त फूट-फूट कर रो पड़ा जब रामसुंदर के घर से अंतिम संस्कार के लिए एक साथ 3 बच्चों की अर्थियां उठीं। इसी हादसे में शिकार इसी परिवार की 12 वर्षीया खुशबू (12) की हालत नाजुक है।
2 बहनों के बीच इकलौता भाई था प्रियांश
इसी सडक़ हादसे में मृत 15 साल का प्रियांश यादव दो बहनों निधि और साक्षी के बीच अपने पिता रामनरेश यादव और मां रेखा का इकलौता बेटा था। प्रियांश के पिता भी मुंबई में मजदूरी करते हैं।
Created On :   23 Nov 2018 2:18 PM IST