- श्रीलंका के साथ होने वाली सीरीज के लिए गेल, एडवडर्स की विंडीज टीम में वापसी
- देश में अब तक लगाए जा चुके हैं कोरोना टीके के 1 करोड 37 लाख 56 हजार 940 डोज
- सऊदी प्रिंस सलमान ने दी थी पत्रकार खशोगी को पकड़ने या हत्या करने की मंजूरी: अमेरिका
- भारत ने चीन से कहा, गतिरोध वाली सभी जगहों से हटें सेनाएं, तभी घटेगी सीमा पर सैनिकों की तैनाती
- केरल विस चुनाव : हैरान करने वाली हो सकती है कांग्रेस की सूची
झारखंड में हर साल 25 मई को मनाया जाएगा बीज दिवस

हाईलाइट
- झारखंड में हर साल 25 मई को मनाया जाएगा बीज दिवस
डिजिटल डेस्क, रांची, 22 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड में प्रत्येक वर्ष 25 मई को बीज दिवस मनाया जाएगा। इसकी घोषणा बुधवार को राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने खरीफ कार्यशाला-2020 में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रत्येक जिले के कृषि पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए की।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति के लिए मिलकर कार्य करने की जरूरत है।उन्होंने कहा, कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण राज्य में प्रवासी मजदूरों की अधिक संख्या में वापसी हुई है। हमें उनके बीच जाकर उनमें विश्वास जगाना है, उन्हें खेती-किसानी के लिए प्रोत्साहित करना है और सरकार द्वारा किसानों के लाभ के लिए जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, उनका अधिक से अधिक फायदा उन्हें मिले, यह सुनिश्चित करना है।
उन्होंने अधिकारियों को 15 अगस्त तक राज्य के सभी किसानों को पीएम किसान योजना से जोड़ने का निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करें कि कोई भी किसान इस योजना से छूटे नहीं।उन्होंने बाजार समितियों को मजबूत बनाने पर बल देते हुए कहा कि समितियों को एक नए रंग रूप में उभारना है, जिससे बाजार समिति का उद्देश्य शत-प्रतिशत प्राप्त हो सके।
मंत्री ने कृषि पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिला स्तर के कृषि पदाधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों को जैविक कृषि के लिए प्रोत्साहित करें।उन्होंने कहा कि झारखंड के किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करने और उन्हें उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है, इसके लिए प्रत्येक जिले में जैविक प्रमाणन केंद्र खोली जाएगी।
मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा वार्षिक कैलेंडर का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें कृषि कार्यो के लिए तारीख निर्धारित होंगे। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से प्रत्येक वर्ष 25 मई को बीज दिवस के रूप में मनाया जाएगा।उन्होंने कहा कि कृषि यंत्र कृषि कार्य के लिए आवश्यक है, सभी किसानों तक कृषि यंत्र सुलभ हो, इसे सुनिश्चित करना भी सरकार की जवाबदेही है।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।