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महाराष्ट्र सहकारी बैंक पर टली जब्ती की कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महल स्थित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक पर जब्ती कार्रवाई करने गए जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट के दखल के बाद प्रत्यक्ष जब्ती कार्रवाई नहीं की। केवल प्रतीकात्मक जब्ती कार्रवाई की गई। भंडारा जिले में स्थित वैनगंगा सहकारी शक्कर कारखाने पर महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक का कर्ज था। कर्ज की वसूली नहीं होने पर बैंक ने कारखाने की संपत्ति की निलामी कर दी थी। कारखाने में कार्यरत कामगारों को भी 13 करोड़ 89 लाख 84 हजार 334 रुपए लेना है।
सुप्रीम कोर्ट ने कामगारों के राशि की वसूली करने का आदेश जिला प्रशासन को दिया था। जिलाधीश रवींद्र ठाकरे के आदेश पर तहसीलदार सूर्यकांत पाटील व नायब तहसीलदार सुनील सालने की टीम आज जब्ती कार्रवाई करने महल स्थित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक पहुंची। टीम सुबह 11 बजे बैंक पहुंची आैर बैंक की संपत्ति, बिल्डिंग, फर्निचर ,कम्प्यूटर की सूची तैयार कर जब्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाने लगी। बैंक ने इसका विरोध करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया। संपत्ति व सामग्री जब्त होने पर बैंक का कामकाज ठप होने की दलील दी गई। हाईकोर्ट ने प्रत्यक्ष जब्ती नहीं करने के आदेश दिए। जिला प्रशासन ने प्रतिकात्मक जब्ती की। 11 फरवरी को कोर्ट में इस पर अगली सुनवाई होगी।
मामले पर एक नजर
भंडारा जिले के मोहाड़ी तहसील के देह्वाडा (बू) स्थित वैनगंगा सहकारी शक्कर कारखाने पर कामगारों के वेतन की 13.89 करोड़ से ज्यादा राशि बकाया है। यह वेतन जुलाई 2003 से अगस्त 2006 तक का बताया गया है। वैनगंगा सहकारी शक्कर कारखाना जनवरी 2013 में अवसायन में गया था। राज्य सहकारी बैंक ने बकाया कर्ज की वसूली के लिए कारखाने की गिरवी रखी गई संपत्ति अन्य कंपनी को निलामी करके 14.10 करोड़ में बेची थी। वर्तमान में यह कारखाना निजी कंपनी चला रही है। कामगार कोर्ट गए थे।
Created On :   9 Feb 2021 10:47 AM GMT