सफलता के लिए जरूरी है आत्मविश्वास - डॉ. सुभाष चंद्रा

self confidence is essential for success say dr. subhash chandra
सफलता के लिए जरूरी है आत्मविश्वास - डॉ. सुभाष चंद्रा
सफलता के लिए जरूरी है आत्मविश्वास - डॉ. सुभाष चंद्रा

डिजिटल डेस्क ,नागपुर। राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा  ने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे अधिक जरूरी होता है आत्मविश्वास । जैसे ही आपके मन में यह बात आ गई कि, आप यह कार्य कर भी पाएंगे या नहीं, सफलता आपसे दूर भाग जाएगी। आप अपनी मेहनत से हर काम को संभव बना सकते हैं, यह याद रखें।  इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के दूसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में वे  बोल रहे थे। 

बताया सफलता का मूलमंत्र
स्टूडेंट्स को सफलता का मूलमंत्र देते हुए कहा कि, प्रतिभा ही प्रगति का मार्ग होती है। आपको खुद पर विश्वास करते हुए आगे बढ़ना होगा, तब ही आप तरक्की पा सकते हैं। चाहे कोई भी इंसान हो, हर किसी में कोई न कोई गुण होता ही है। कोई भी इंसान बगैर प्रतिभा के जन्म नहीं लेता। आप खुद पर और अपने साथ काम कर रहे लोगों पर विश्वास करेंगे तो ही अपने कैरियर को सफल बना सकेंगे। उन्होंने स्टूडेंट्स से कहा कि, केवल पैसा कमाना ही सफलता की व्याख्या नहीं होती। अपने काम से आपको कितनी खुशी और संतुष्टि मिलती है, यह आपकी सफलता का आकलन करता है। कार्यक्रम में आदित्य बिडला समूह के कार्यकारी अध्यक्ष डी. शिवकुमार बतौर विशेष अतिथि उपस्थित थे। उन्होंने अपने संबोधन में विद्यार्थियों से कहा कि, जीवन मंे फैसले लेते वक्त संभ्रम और निर्णय दो विकल्प सामने आते हैं। संभ्रम आना गलत नहीं है, क्योंकि ये आपके सामने दो अच्छे विकल्प रखता है। इससे बचने के लिए अपने विचारों में पारदर्शिता लाना जरूरी है। आज सूचना का विश्व हमारे सामने मौजूद है। 

इन्हें मिला गोल्ड मेडल
कार्यक्रम में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट की शिक्षा पूरी करने वाले 54  विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। उल्लेखनीय है कि, यह पहली बैच है,  जिसे संस्थान ने डिग्री प्रदान की है। इसके पहले की बैच को पीजीपी डिप्लोमा प्रदान किया गया था। इसमें विद्यार्थी ऋषभ जैन को स्कॉलिस्टिक परफॉर्मेंस और बाथुलुर यशवंत को बेस्ट ऑल राउंडर परफॉर्रमेंस के लिए गोल्ड मेडल से नवाजा गया। वीएनआईटी कैंपस मंे अस्थाई रूप से चल रहे आईआईएम के मैदान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। आईआईएम बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष सी.पी. गुरुनानी, आईआईएम अहमदाबाद के निदेशक प्रोफेसर एरेल  डिसुजा और आईआईएम नागपुर के निदेशक एल.एस. मूर्ति मंच पर उपस्थित थे।

आईआईएम का "मिस मैनेजमेंट"
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट संस्थान देश में अपने प्रबंधन नीतियों के लिए मशहूर है, लेकिन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, नागपुर के कार्यक्रम में प्रबंध की खामियों के चलते संस्थान को किरकिरी का सामना करना पड़ा। पिछले वर्ष वीएनआईटी के सभागृह में भव्य-दिव्य तरीके से दीक्षांत समारोह हुआ था, लेकिन ये आयोजन आईआईएम परिसर में पंडाल डालकर किया गया। बीते कुछ दिनों से पारा 42 डिग्री के पार है। मंगलवार को पारा 43 डिग्री के पार पहुंचने की चेतावनी मौसम विभाग ने दे रखी थी। बुधवार को तापमान 43.2 डिग्री दर्ज किया गया। इस भीषण गर्मी के बीच दोपहर 11 बजे दीक्षांत समारोह शुरू हुआ। विद्यार्थी, पालक, अतिथि और संस्थान के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ा पंडाल में उमस बढ़ने लगी। एयर कूलर नाकाम साबित हो रहे थे।  

Created On :   19 April 2018 11:26 AM IST

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