- Home
- /
- वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी...
वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी होंगे प्रदेश के नए महाधिवक्ता

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी मप्र सरकार के नए महाधिवक्ता होंगे। श्री तिवारी की सहमति के बाद राज्य सरकार के विधि मंत्रालय ने 16 वें महाधिवक्ता के रूप में उनकी नियुक्ति को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके साथ ही अधिवक्ता शशांक शेखर और अजय गुप्ता का नाम हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर में अतिरिक्त महाधिवक्ता के लिए तय कर लिया गया है। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में रविंदर छावड़ा और ग्वालियर खंडपीठ में अंकुर मोदी का नाम अतिरिक्त महाधिवक्ता के लिए फाइनल किया गया है। मंगलवार को नियुक्ति की अधिसूचना जारी होने की संभावना है।
चल रहे थे कई नाम
प्रदेश में भाजपा की सरकार बदलने के साथ ही महाधिवक्ता पद के लिए दौड़ शुरू हो गई थी। महाधिवक्ता पद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी का नाम सबसे आगे चल रहा था। सभी से विचार विमर्श के बाद विधि मंत्रालय ने श्री तिवारी का नाम फाइनल कर लिया। सूत्रों ने बताया कि श्री तिवारी से महाधिवक्ता पद के लिए सहमति ले ली गई है। मुख्यमंत्री की अनुशंसा के बाद महाधिवक्ता पद का प्रस्ताव राज्यपाल को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल की अनुमोदन के बाद विधि मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी की जाएगी। अतिरिक्त महाधिवक्ता पद के लिए शशांक शेखर और भोपाल निवासी अजय गुप्ता का नाम प्रस्तावित किया गया है। शशांक शेखर को राज्य सभा सदस्य विवेक तन्खा का करीबी माना जाता है। उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के लीगल वार रूम का संचालन किया था।
54 वर्ष से कर रहे वकालत
वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी का जन्म 14 अप्रैल 1936 को हुआ। वे 1956-57 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे। एमए एलएलबी करने के बाद उन्होंने 1964 में वकालत की शुरूआत की। श्री तिवारी 1985-88 तक राज्य सरकार के उप महाधिवक्ता रहे। वर्ष 1993 में वे हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे। श्री तिवारी कई सामाजिक और सांस्कृतिक संस्स्थाओं से जुड़े हुए है।
एडवोकेट प्रोटेक्क्शन एक्ट जल्द लागू कराने का प्रयास
वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता एडवोकेट प्रोटेक्क्शन एक्ट को जल्द लागू कराने की होगी। इसके साथ ही लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण का प्रयास किया जाएगा। उनकी कोशिश रहेगी कि किसी भी प्रकरण की अनावश्यक सुनवाई न टाली जाए। इसके लिए आवश्यक व्यवस्स्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि आपराधिक प्रकरणों में केस डायरी की वजह से होने वाले विलंब को भी दूर किया जाएगा। प्रयास किया जाएगा कि न्यायालयों में समय पर केस डायरी पेश हो सके। हाईकोर्ट और निचली अदालतों में जजों की कमी को दूर करने के लिए मुख्य न्यायाधीश से बातचीत की जाएगी।
Created On :   18 Dec 2018 1:17 PM IST