हाईकोर्ट ने कहा- एक साथ न रहने पर नहीं की जा सकती घरेलु हिंसा की शिकायत

Separate living woman can not filed complaint against in-laws under Domestic Violence Act
हाईकोर्ट ने कहा- एक साथ न रहने पर नहीं की जा सकती घरेलु हिंसा की शिकायत
हाईकोर्ट ने कहा- एक साथ न रहने पर नहीं की जा सकती घरेलु हिंसा की शिकायत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक साथ न रहने वाले चाचा-चाची के खिलाफ घरेलू हिंसा कानून के तहत शिकायत नहीं की जा सकती। बांबे हाईकोर्ट ने वरिष्ठ नागरिक प्रभाकर मोहिते व उनकी पत्नी विजया मोहिते को राहत प्रदान करते हुए यह फैसला सुनाया है। मोहिते खिलाफ उनके भतीजे की पत्नी ने मैजिस्ट्रेट कोर्ट में घरेलू हिंसा कानून के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में दावा किया गया था, मेरे पति के चाचा प्रभाकर मोहिते और चाची विजया हर शनिवार व रविवार को मेरे ससुराल के घर में आते थे और मेरे पति व सास-ससुर को मेरे खिलाफ हिंसा करने के लिए उकसाते थे। चाचा-चाची के जाने के बाद मेरे ससुराल वाले मुझे प्रताड़ित करते थे। शिकायत पर सुनवाई के बाद मैजिस्ट्रेट ने मोहिते व उनकी पत्नी के खिलाफ समन जारी किया था और उनके खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत की थी।

पनवेल के मैजिस्ट्रेट कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ मोहिते ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति भारती डागरे के सामने मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने कहा कि मेरे मुवक्किल शिकायतकर्ता के साथ उसके घर में नहीं रहते थे। पर वे अक्सर अपने भतीजे के घर जाते थे। शिकायतकर्ता ने ससुराल से जाने के बाद अपने पति व सास ससूर के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया है। इस मामले में मेरे मुवक्किल के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाए गए थे। घरेलू हिंसा कानून के तहत आरोप लगाने के लिए आरोपी का पीड़िता के साथ एक घर में साथ रहना जरुरी होता है। इस लिहाज से मेरे मुवक्किल पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। इन दलीलों को सुनने तथा मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गौर करने के बाद याचिकाकर्ताओं के खिलाफ शुरु की गई कानूनी कार्रवाई को निरस्त कर दिया और उन्हें राहत प्रदान की। 

 

 

Created On :   9 Oct 2018 7:49 PM IST

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