अधूरे सिंचाई प्रकल्पों को पूरा करने की समय-सीमा तय करें

Set a time limit for completing incomplete irrigation projects
अधूरे सिंचाई प्रकल्पों को पूरा करने की समय-सीमा तय करें
अधूरे सिंचाई प्रकल्पों को पूरा करने की समय-सीमा तय करें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जलसंपदा मंत्री जयंत पाटील ने सिंचाई व पीने के पानी की समस्या स्थायी रूप से हल करने के लिए अधूरे सिंचाई प्रकल्पों को गति देने के लिए समय-सीमा निश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूर्व विदर्भ के सिंचाई प्रकल्पों की जिला अनुसार संपूर्ण जानकारी तैयार कर अधूरे प्रकल्पों के काम, प्रशासकीय मान्यता व सुधारित प्रशासकीय मान्यता लेने के तत्काल प्रस्ताव सचिवालय में भेजे जाएं। सिंचाई प्रकल्प पूरे करने के लिए आवश्यक निधि प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जाएगी।

विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल में पाटील ने पूर्व विदर्भ के  सिंचाई प्रकल्पों के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में गृहमंत्री अनिल देशमुख, विधायक राजू पारवे, विदर्भ पाटबंधारे विभाग के कार्यकारी संचालक विजयकुमार मोहिते, मुख्य अभियंता बी.एस. स्वामी, गोसीखुर्द प्रकल्प के मुख्य अभियंता के.सी. वेमुलकोंडा, लाभक्षेत्र विकास प्रकल्प के अधीक्षक अभियंता जयंत गवली, जे.डी. टाले, जे.बी. गंटावार, आर.जी. पाटील, कार्यकारी अभियंता अनिता पराते, रोशन हटवार, प्रवीण झोड, राजेश हुमणे, नंदकिशोर दलवी, संजयकुमार उराडे उपस्थित थे।

योजनाओं को प्राथमिकता देने की जरूरत
जलसंपदा मंत्री को नागपुर जिले की स्थिति से अवगत कराते हुए गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि नागपुर जिले में पीने के पानी सहित सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण कन्हान नदी योजना, थडीपवनी उपसा सिंचाई योजना, कार प्रकल्प, भारेगड, कोलू और अन्य सात आदिवासी क्षेत्रों के गांवों को उपसा सिंचाई पूरे करने के लिए प्राथमिकता देने की जरूरत है। जलसंपदा विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा कर आने वाली दिक्कतों को सुलझाया जाएगा। चिखली नाला, जाम नदी प्रकल्प की मौजूदा स्थिति और प्रकल्पों के कामों की गति बढ़ाई जानी चाहिए। 

पेंच की समस्या हल करने समिति गठित 
विदर्भ पाटबंधारे विभाग के कार्यकारी संचालक विजयकुमार मोहिते ने बताया कि चौरई बांध के कारण निर्माण जलसंकट पर मात करने के लिए पेंच प्रकल्प अंतर्गत उपाययोजना प्रस्तावित है। महाराष्ट्र के पेंच प्रकल्प के जलभंडारण और सिंचाई में आई कमी पर उपयायोजना के लिए समिति गठित की गई है। इसके अनुसार तीन चरणों में किए जाने वाले उपाययोजनाओं को सूखा निवारण कार्यक्रम अंतर्गत सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है।        

कन्हान नदी योजना से मिलेगा फायदा
जलसंपदा मंत्री पाटील ने कहा कि कन्हान नदी सिंचाई योजना के काम को प्राथमिकता देने पर काटोल, नरखेड़, कलमेश्वर और सावनेर तहसील में पीने के पानी सहित सिंचाई क्षेत्र बढ़ेगा। संतरा उत्पादक क्षेत्र को भी लाभ होगा। सिंचाई के लिए स्थायी सुविधा निर्माण होने से योजना को प्राथमिकता से पूरी करने के लिए कालबद्ध नियोजन किया जाएगा। मंत्रालय में इस संबंध में बैठक आयोजित की जाएगी। भिवापुर स्थित योजना के कारण नागपुर, भंडारा और चंद्रपुर जिले को सिंचाई का लाभ होगा। वर्धा जिले के मौजा खैरी गांव के पास कार नदी प्रकल्प के कारण वर्धा व नागपुर जिले को लाभ मिलेगा। कोच्छी बैरेज प्रकल्प के कारण लगभग चार हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फायदा होगा। मध्य प्रदेश के पेंच नदी पर सिंचाई प्रकल्प के कारण निर्माण हुई सिंचाई समस्या हल करने में मदद मिलेगी। 
 

Created On :   3 Feb 2021 3:51 PM IST

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