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अमित शाह के हिम्मत देने से ख़त्म हुआ डर : देवधर, बताया ऐसे पूरा हुआ 'मिशन त्रिपुरा'

डिजिटल डेस्क, मुंबई। त्रिपुरा में कार्यकर्ताओं पर लगातार हमले हो रहे थे। राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री विप्लवदेव के घर पर भी हमले हुए थे। भाजपा के 11 कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी थी। मुझ पर हमले का डर था, लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के एक आश्वासन के बाद मेरा डर खत्म हो गया। यह त्रिपुरा में भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले त्रिपुरा भाजपा प्रभारी सुनील देवधर का कहना है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि वामपंथी कार्यकर्ताओं की दहशत के बीच उनपर भी हमले का खतरा लगातार बना हुआ था। ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से उन्होंने कहा था कि भले ही मुझे अपनी जान गवानी पड़े पर भाजपा की जीत पक्की है। इस पर शाह ने कहा कि उन्हें पता हैं कि आप को मैंने भेजा है। इसलिए आप पर हमले की हिम्मत नहीं करेंगे। देवधर ने कहा कि अपने पार्टी अध्यक्ष की इस बात से वे पूरी तरह निश्चिंत हो गए।
मोदी की लोकप्रियता से मिला फायदा
देवधर ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में भी भाजपा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का लाभ मिला है। 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वोत्तर में भाजपा लोकसभा की कई सीटे जीतेंगी। भाजपा नेता ने कहा कि त्रिपुरा में विकास की काफी संभावनाएं हैं। अब तक वहां रही सीपीएम सरकारों ने वहां के पर्यटन की उपेक्षा की। मां त्रिपुर सुंदरी देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। हमारी सरकार त्रिपुरा को पर्यटन स्थल के रुप में प्रचारित करेगी। उन्होंने कहा कि अब तक पूर्वोत्तर राज्यों को बहुत अपेक्षा हुई। मोदी सरकार बनने के बाद 3 वर्षों के दौरान 25 केंद्रीय मंत्री त्रिपुरा के दौरे पर गए। हम केंद्रीय मंत्रियों को गांव-गांव में ले गए। इससे वहां के लोगों को विश्वास हुआ कि भाजपा वहां वास्तव में बदलाव चाहती है। देवधर ने कहा कि त्रिपुरा की जनता काफी पहले से सीपीएम से छुटकारी चाहती थी। लेकिन कांग्रेस वहां विकल्प के रुप में खुद को स्थापित ही नहीं कर सकी। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने इसमें कभी रुचि ही नहीं ली जबकि भाजपा अध्यक्ष शाह ने त्रिपुरा को बेहद गंभीरता से लिया।
पत्रकार हत्याकांड की होगी सीबीआई जांच
त्रिपुरा में हुई राजनीतिक हत्याओं की जांच के सवाल पर देवधर ने कहा कि हमें वहां और भी बहुत कार्य करने हैं। फिर भी हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे। पत्रकार शांतनु भौमिक और सुमित दत्त भौमिक की हत्याओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की जा चुकी है। भाजपा की जीत के बाद त्रिपुरा में हिंसा और प्रतिमाओं को गिराने की घटना की बाबत उन्होंने कहा कि देव के मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद कहीं कोई हिंसा नहीं हुई है। भाजपा की जीत पर छिटपुट हिंसा हुई जबकि इसके पहले सीपीएम की जीत पर भारी हिंसा होती थी।
बहुसंख्यकों की भावना का ख्याल जरूरी
भाजपा कि तरफ से पूर्वोत्तर के राज्यों में बीफ खाने का समर्थन किए जाने के सवाल पर देवधर ने कहा कि लोकतंत्र में बहुसंख्यक वर्ग की भावनाओं की ख्याल रखना जरूरी होता है। जहां के लोग बीफ पर पाबंदी चाहते हैं वहां पाबंदी लगाई गई पर पूर्वोत्तर में अधिकांश लोग बीफ खाते हैं। वहां कुछ हिंदु जनजातियों के लोग भी बीफ खाते हैं।
Created On :   13 March 2018 8:34 PM IST